कांग्रेस कार्यसमिति ने जातिगत जनगणना को तुरंत शुरू करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। पार्टी ने इसके साथ ही निजी शिक्षण संस्थानों में ओबीसी, दलितों और आदिवासियों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 15(5) को तत्काल प्रभावी करने की मांग भी की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में 2 मई को हुई बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को निर्देश दिए हैं कि इस मांग को जिला और विधानसभा स्तर पर होने वाली ‘संविधान बचाओ रैलियों’ में जोर-शोर से उठाया जाए। वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस के दबाव के कारण मोदी सरकार को जातिगत जनगणना कराने के लिए मजबूर होना पड़ा है। प्रस्ताव में मांग की गई है कि जातिगत जनगणना पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से हो, इसके लिए पर्याप्त बजट हो, और प्रश्नावली तैयार करने से लेकर आंकड़े प्रकाशित करने तक सभी पक्षों को शामिल किया जाए। इस डेटा का उपयोग आरक्षण, शिक्षा, रोजगार और कल्याण नीतियों को मजबूत करने के लिए किया जाए।
पार्टी ने सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को 30 मई तक विधानसभा स्तर पर ‘संविधान बचाओ रैलियां’ और घर-घर अभियान पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इन रैलियों में अनुच्छेद 15(5) को लागू करने की मांग पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम और जिला स्तर पर पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे। कार्यकर्ताओं को सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, वकीलों, दुकानदारों, स्वयं सहायता समूहों और बहुजन समुदायों के साथ चौपाल बैठकें करने को कहा गया है।
इन बैठकों में कांग्रेस की सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को बताया जाएगा और बीजेपी की बहुजन विरोधी नीतियों व जातिगत जनगणना के प्रति उसके रवैये को उजागर किया जाएगा। पार्टी ने मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए अभियान चलाने और साप्ताहिक रिपोर्ट भेजने के भी निर्देश दिए हैं।
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