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ऑपरेशन शील्ड: पाकिस्तान से सटे राज्यों में मॉक ड्रिल, हवाई हमलों और आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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भारत-पाकिस्तान सीमा पर हाल के तनाव और 10 मई 2025 को लागू युद्धविराम के बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर आज, 31 मई 2025 को शाम 5 बजे से ऑपरेशन शील्ड के तहत जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।

यह अभ्यास पहले 29 मई को प्रस्तावित था, लेकिन प्रशासनिक कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया था। यह मॉक ड्रिल 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद 6-7 मई को भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर (पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले) के बाद सुरक्षा तैयारियों को परखने का हिस्सा है।

मॉक ड्रिल का उद्देश्य और गतिविधियाँ

ऑपरेशन शील्ड का मुख्य लक्ष्य युद्ध, हवाई हमले, ड्रोन हमले या अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिक सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों को परखना और मजबूत करना है। इस अभ्यास में निम्नलिखित गतिविधियाँ शामिल होंगी:

  1. हवाई हमलों से बचाव का अभ्यास: नागरिकों को दुश्मन के विमानों, ड्रोन और मिसाइल हमलों से बचने के तरीके सिखाए जाएंगे।
  2. सायरन और ब्लैकआउट: हवाई हमले की चेतावनी के लिए सायरन बजाए जाएंगे। रात 8:00 से 8:15 बजे तक 15 मिनट का नियंत्रित ब्लैकआउट लागू होगा (आपातकालीन सेवाओं जैसे अस्पतालों, अग्निशमन और पुलिस स्टेशनों को छोड़कर)। ब्लैकआउट का उद्देश्य महत्वपूर्ण ठिकानों को दुश्मन की नजर से छिपाना है।
  3. आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली: स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, सिविल डिफेंस, और अन्य एजेंसियों के बीच समन्वय का परीक्षण किया जाएगा। 20 घायलों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने और 30 यूनिट रक्त की व्यवस्था का अभ्यास होगा।
  4. हॉटलाइन स्थापना: भारतीय वायुसेना और नागरिक सुरक्षा नियंत्रण कक्षों के बीच संचार हॉटलाइन की कार्यक्षमता जाँची जाएगी।
  5. स्वयंसेवकों की भागीदारी: एनसीसी, एनएसएस, भारत स्काउट्स एंड गाइड्स, और नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) जैसे स्वयंसेवी संगठनों के कार्यकर्ता शामिल होंगे।
  6. जन जागरूकता: नागरिकों को युद्धकालीन परिस्थितियों, अफवाहों से बचने, और दुश्मन के प्रचार से सतर्क रहने की जानकारी दी जाएगी।
  7. महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा: संवेदनशील ठिकानों और बुनियादी ढांचे को छिपाने के लिए छलावरण और सुरक्षा उपायों का अभ्यास होगा।

राज्यवार विवरण

  • जम्मू-कश्मीर: सभी 20 जिलों में मॉक ड्रिल होगी। डोडा के उपायुक्त हरविंदर सिंह ने कहा कि यह अभ्यास लक्षित हमलों और बड़े पैमाने की आपदाओं से निपटने की तैयारियों को परखेगा।
  • पंजाब: छह सीमावर्ती जिलों (पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर, फाजिल्का) में रात 9:30 से 10:00 बजे तक ब्लैकआउट और मॉक ड्रिल होगी। जालंधर के उपायुक्त डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि सायरन के साथ लाइटें बंद की जाएंगी।
  • राजस्थान: सभी 41 जिलों में मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट होगा। बूंदी में कार्यवाहक जिला कलेक्टर सुदर्शन सिंह तोमर ने कंट्रोल रूम स्थापित करने की जानकारी दी। बाड़मेर की कलेक्टर टीना डाबी ने भी तैयारियों की पुष्टि की।
  • गुजरात: संवेदनशील सीमावर्ती जिलों में मॉक ड्रिल होगी, जिसमें हवाई और ड्रोन हमलों का अनुकरण शामिल है।
  • हरियाणा: सभी 22 जिलों में शाम 5 बजे से अभ्यास शुरू होगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) डॉ. सुनीता मिश्रा ने कहा कि यह अभ्यास समन्वय और कमियों को सुधारने पर केंद्रित है।
  • चंडीगढ़: रात 8:00 से 8:10 बजे तक ब्लैकआउट होगा। विशेष डीजीपी (होम गार्ड्स) संजीव कालरा ने कहा कि यह अभ्यास पश्चिमी सीमा के सभी जिलों में समन्वित रूप से होगा।

यह मॉक ड्रिल 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले (26 पर्यटकों की मौत) और इसके जवाब में 6-7 मई को भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद हो रही है, जिसमें PoK और पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए गए और 100 आतंकियों को मार गिराया गया। इसके बाद 7-10 मई तक भारत-पाकिस्तान के बीच भारी गोलीबारी और ड्रोन हमले हुए, जिसके बाद 10 मई को युद्धविराम लागू हुआ।

7 मई को देश के 244 जिलों में पहली मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी, जिसमें नागरिक सुरक्षा की कमियों को पहचाना गया। 9 मई को गृह मंत्रालय ने राज्यों को इन कमियों को दूर करने के निर्देश दिए। आज की ड्रिल उन कमियों को सुधारने और सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए है। पाकिस्तानी मीडिया और विशेषज्ञ इस ड्रिल को भारत के संभावित नए सैन्य कदम से जोड़कर देख रहे हैं, जिससे वहाँ डर का माहौल है।

नागरिकों के लिए सलाह

  • सायरन सुनने पर: प्रशासन के निर्देशानुसार सुरक्षित स्थानों पर जाएँ।
  • ब्लैकआउट के दौरान: घरों और वाहनों की लाइटें बंद करें। कारों की हेडलाइट्स को भूरे कागज या कार्डबोर्ड से ढकें ताकि रोशनी कम हो।
  • जागरूकता: अफवाहों और दुश्मन के प्रचार से बचें। बच्चों और बुजुर्गों को बताएँ कि यह केवल अभ्यास है।
  • आपातकालीन संपर्क: स्थानीय प्रशासन या कंट्रोल रूम से संपर्क करें।

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