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एयर इंडिया 171 हादसा: NTCB ने की मीडिया की ‘जल्दबाजी और अटकलों’ वाली रिपोर्टों की निंदा, कहा ये

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अमेरिका की राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) ने 18 जुलाई को गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुए एयर इंडिया फ्लाइट 171 (एआई-171) दुर्घटना की प्रारंभिक जांच पर मीडिया की कुछ रिपोर्टों को “समय से पहले और अटकलों पर आधारित” करार देते हुए कड़ी निंदा की।

एनटीएसबी की अध्यक्ष जेनिफर होमेंडी ने एक बयान में कहा कि इस स्तर की जांच में समय लगता है और जनता व मीडिया को भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा, “हम एएआईबी की गुरुवार को जारी सार्वजनिक अपील का पूर्ण समर्थन करते हैं और इसकी जांच में हरसंभव सहयोग जारी रखेंगे।”

एएआईबी ने भी गुरुवार, 17 जुलाई 2025 को एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि उनकी प्रारंभिक रिपोर्ट का उद्देश्य केवल यह बताना है कि हादसे में “क्या हुआ”, न कि “क्यों हुआ”। ब्यूरो ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया, विशेष रूप से वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजे) की एक रिपोर्ट को खारिज किया, जिसमें दावा किया गया था कि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग से संकेत मिलता है कि पायलट ने उड़ान भरने के तुरंत बाद ईंधन नियंत्रण स्विच (फ्यूल कटऑफ स्विच) बंद कर दिए, जिससे कॉकपिट में घबराहट फैली। एएआईबी ने ऐसी “चुनिंदा और असत्यापित” रिपोर्टिंग को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए चेतावनी दी कि यह जांच की विश्वसनीयता को खतरा पहुंचा सकती है और हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों की भावनाओं को ठेस पहुंचाती है।

एएआईबी की 15 पेज की प्रारंभिक रिपोर्ट, जो 12 जुलाई 2025 को जारी की गई, में कहा गया कि उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद ही बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच “रन” से “कटऑफ” स्थिति में चले गए, जिसके परिणामस्वरूप इंजनों में ईंधन प्रवाह बंद हो गया और विमान में थ्रस्ट खत्म हो गया। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट, फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर, को कप्तान सुमीत सभरवाल से पूछते सुना गया, “आपने फ्यूल कटऑफ क्यों किया?” जिसका कप्तान ने जवाब दिया, “मैंने ऐसा नहीं किया।” हालांकि, रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि स्विच क्यों या कैसे बंद हुए।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि विमान ने उड़ान भरने के 32 सेकंड बाद अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में टक्कर मार दी, जिसमें 242 में से 241 यात्रियों और चालक दल के सभी 12 सदस्यों सहित 260 लोगों की मौत हो गई। जमीन पर भी 19 लोग मारे गए।

एएआईबी ने जोर देकर कहा कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए मलबे का विश्लेषण, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, और घटक जांच जैसे महत्वपूर्ण पहलू बाकी हैं। ब्यूरो ने मीडिया और जनता से अपील की कि वे असत्यापित तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष निकालने से बचें, क्योंकि यह न केवल जांच को प्रभावित कर सकता है, बल्कि भारतीय विमानन उद्योग की सुरक्षा के प्रति अनावश्यक चिंता पैदा कर सकता है।

एनटीएसबी ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी जांच संबंधी सवाल एएआईबी को ही संबोधित किए जाने चाहिए, जो अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के अनुच्छेद 13 और भारत के विमान (दुर्घटना और घटना की जांच) नियम, 2017 के तहत जांच का नेतृत्व कर रहा है। जांच में भारतीय वायुसेना, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), बोइंग, जीई, और यूके, पुर्तगाल, कनाडा के विशेषज्ञ शामिल हैं।

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