
अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे (AI171) के ब्रिटिश पीड़ितों के दो परिवारों को गलत शव भेजे गए। पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील जेम्स हीली-प्रैट ने बताया कि अहमदाबाद के सिविल अस्पताल ने डीएनए जांच के बाद शवों को सील बंद ताबूतों में परिवारों को सौंपा था, और इस चूक में एयर इंडिया की कोई भूमिका नहीं थी।

हीली-प्रैट ने इंडिया टुडे टीवी को बताया कि लंदन में इनर वेस्ट लंदन के कोरोनर डॉ. फियोना विलकॉक्स ने शवों की पहचान की पुष्टि के लिए डीएनए जांच की, तब यह गड़बड़ी सामने आई। एक परिवार को पता चला कि उनके ताबूत में उनके परिजन का शव नहीं, बल्कि किसी अज्ञात व्यक्ति का शव था, जिसके कारण उन्होंने अंतिम संस्कार रद्द कर दिया। दूसरे परिवार को एक ही ताबूत में दो यात्रियों के अवशेष मिले, जिन्हें अलग करना पड़ा ताकि उनके परिजन का अंतिम संस्कार हो सके। हीली-प्रैट ने कहा, “एक परिवार के पास अंतिम संस्कार के लिए कोई शव नहीं बचा, क्योंकि उन्हें गलत अवशेष मिले थे।”
12 जून को गैटविक (लंदन) जाने वाला एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के 32 सेकंड बाद बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 242 यात्रियों और चालक दल के 241 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 53 ब्रिटिश नागरिक शामिल थे। जमीन पर भी 19 लोग मारे गए, जिससे कुल मृतकों की संख्या 260 हो गई। एकमात्र जीवित बचे यात्री, ब्रिटिश नागरिक विश्वासकुमार रमेश, सीट 11ए पर थे और चमत्कारिक रूप से बच गए।
अहमदाबाद सिविल अस्पताल में शवों की पहचान के लिए डीएनए जांच की गई, क्योंकि ज्यादातर शव 1500 डिग्री सेल्सियस की आग में जलकर या क्षतिग्रस्त होकर पहचान योग्य नहीं रहे। सूत्रों के अनुसार, अस्पताल ने डीएनए नमूने लेकर शवों को सील बंद ताबूतों में परिजनों को सौंपा। एयर इंडिया ने केवल शवों के स्थानांतरण में सहायता की और शोकग्रस्त परिवारों का समर्थन करने के लिए केन्यन्स इंटरनेशनल इमरजेंसी सर्विसेज को नियुक्त किया। 28 जून तक 260 शवों की डीएनए जांच से पहचान हो चुकी थी, और 198 शव परिजनों को सौंपे गए थे, जिनमें 149 भारतीय, 32 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई शामिल थे।
हीली-प्रैट ने डेली मेल को बताया कि वह ब्रिटिश परिवारों के साथ पिछले एक महीने से काम कर रहे हैं, जो अपने प्रियजनों के सही शव और हादसे की पूरी सच्चाई जानना चाहते हैं। उन्होंने इस चूक की जांच की मांग की है और परिवारों को उचित मुआवजा दिलाने के लिए काम कर रहे हैं। एक परिवार ने मिश्रित अवशेषों को अलग कर अंतिम संस्कार किया, लेकिन दूसरा परिवार, जिसे ‘फैमिली एक्स’ कहा गया, अभी भी अनिश्चितता में है।
कई ब्रिटिश नागरिकों का अंतिम संस्कार भारत में उनकी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किया गया, जबकि कम से कम 12 शवों को यूके भेजा गया। हीली-प्रैट ने कहा, “इन परिवारों को जवाब चाहिए कि ऐसी गलती कैसे हुई। यह दुखदायी है।” हादसे की जांच भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) कर रहा है, और प्रारंभिक रिपोर्ट में दोनों इंजनों में ईंधन की कमी के कारण दुर्घटना होने की बात सामने आई है। अंतिम रिपोर्ट जून 2026 तक अपेक्षित है।
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