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इटावा में जातिगत हिंसा: भगवताचार्य की चोटी काटी, सिर मुंडवाया, नाक रगड़वाई, 5 घंटे बंधक बनाकर पीटा

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इटावा जिले के महेवा ब्लॉक के दांदरपुर गांव में शनिवार रात एक शर्मनाक घटना ने सामाजिक भेदभाव की क्रूरता को उजागर कर दिया। श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन के दौरान भगवताचार्य मुकट मणी (मुक्त सिंह) और उनके दो सहयोगियों, संत सिंह यादव और श्याम सिंह कठेरिया, को ब्राह्मण न होने के कारण बर्बरता का शिकार बनाया गया।

ग्रामीणों ने उनकी चोटी काटी, सिर मुंडवाए, नाक रगड़वाकर अपमानित किया और गांव वालों के पैर छुआकर माफी मंगवाई। इतना ही नहीं, उनकी बाइक की हवा निकालकर दोबारा पंप से भरवाने जैसी शर्मनाक हरकत की गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन गांव में तनाव बना हुआ है।

घटना का विवरण
शनिवार को दांदरपुर गांव में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन था, जिसमें मुकट मणी को व्यास के रूप में बुलाया गया था। सुबह कलश यात्रा के बाद देर शाम कथा समाप्त हुई। इस दौरान गांव में यह चर्चा शुरू हुई कि मुकट मणी ब्राह्मण नहीं, बल्कि यादव हैं। एक ग्रामीण ने उनकी जाति की जानकारी दी, जिसके बाद कुछ लोग आक्रोशित हो गए। इसके बाद मुकट मणी और उनके सहयोगियों को 5 घंटे तक बंधक बनाकर पीटा गया। उनकी चोटी काटी गई, सिर मुंडवाए गए, और नाक रगड़वाकर अपमानित किया गया। मुकट मणी ने आरोप लगाया कि उनसे 25 हजार रुपये, एक सोने की चेन और अंगूठी भी लूट ली गई।

पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
घटना के बाद मुकट मणी ने सोमवार को सपा सांसद जितेंद्र दोहरे, विधायक राघवेंद्र गौतम और सपा जिलाध्यक्ष प्रदीप शाक्य के साथ एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव से मुलाकात की। उनकी शिकायत पर अतुल डीलर, पप्पू बाबा, निक्की अवस्थी (30), उत्तम अवस्थी (18), आशीष तिवारी (21), और प्रथम दुबे उर्फ मनु दुबे (24) सहित 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने चार आरोपियों—निक्की, उत्तम, आशीष और प्रथम—को गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी ने बताया कि मामले की गहन जांच चल रही है और सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

दो आधार कार्ड का रहस्य
जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ। मुकट मणी के पास दो आधार कार्ड मिले, जिनमें अलग-अलग नाम और पते दर्ज हैं। एक कार्ड पर उनका नाम मुकट मणी अग्निहोत्री और पता अछल्दा, औरैया है, जबकि दूसरे पर नाम मुक्त सिंह और पता नग्ला मोतीराम, इटावा है। हालांकि, दोनों कार्डों पर आधार नंबर एक ही है। पुलिस ने पाया कि उनका असली पता सिविल लाइंस थाना क्षेत्र का जवाहरपुर है, जो किसी भी आधार कार्ड में दर्ज नहीं है। मुकट मणी ने दावा किया कि ग्रामीणों ने बचाव के लिए उनका फर्जी आधार कार्ड बनवाया, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि मुकट मणी ने खुद को ब्राह्मण बताकर भ्रमित किया और मथुरा-वृंदावन का निवासी होने का दावा किया।

सियासी प्रतिक्रिया और आंदोलन की चेतावनी
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना की कड़ी निंदा की और एक्स पर लिखा कि यह जातिगत भेदभाव का घिनौना उदाहरण है। उन्होंने मांग की कि तीन दिन के भीतर सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो, अन्यथा सपा आंदोलन शुरू करेगी। उन्होंने कहा, “हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता। पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के मान से बढ़कर कुछ नहीं।” सपा सांसद और स्थानीय नेताओं ने भी पीड़ितों को न्याय दिलाने का वादा किया।

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