मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई मामले में उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने 5 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी को वैध करार देते हुए कहा था कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के कृत्यों में कोई दुर्भावना नहीं थी, जो दर्शाता है कि आप के राष्ट्रीय संयोजक कैसे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, जो उनकी गिरफ्तारी के बाद ही गवाही देने का साहस जुटा सकते हैं। केजरीवाल के वकील ने कहा कि सीएम ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए केजरीवाल से कहा था कि वे नियमित जमानत के लिए पहले ट्रायल कोर्ट जाएं।
मुख्यमंत्री को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था और धन शोधन मामले में निचली अदालत ने 20 जून को उन्हें जमानत दे दी थी। हालाँकि, उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी। 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत दे दी थी। दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन से जुड़ी कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच के आदेश देने के बाद 2022 में आबकारी नीति को रद्द कर दिया गया था।
सीबीआई और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति में संशोधन करते समय अनियमितताएं बरती गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
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