Home आवाज़ न्यूज़ अमेरिका में सात साल बाद सरकारी शटडाउन: कारण, प्रक्रिया और वैश्विक प्रभाव

अमेरिका में सात साल बाद सरकारी शटडाउन: कारण, प्रक्रिया और वैश्विक प्रभाव

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अमेरिका में 1 अक्टूबर 2025 से सरकारी शटडाउन शुरू हो गया है, जो सात साल बाद (2018-19 के बाद) पहली बार हुआ है। यह ट्रंप प्रशासन के दूसरे कार्यकाल में पहला ऐसा संकट है, जहां संघीय फंडिंग रुक गई। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि विपक्ष इसे रिपब्लिकन की जिद का नतीजा बता रहा है। आइए समझते हैं कि यह क्यों हुआ, शटडाउन क्या है और इसका क्या असर पड़ेगा।

शटडाउन क्यों हुआ? (मुख्य विवाद)

अमेरिका का वित्तीय वर्ष 1 अक्टूबर से शुरू होता है। हर साल कांग्रेस को संघीय सरकार के लिए बजट पास करना होता है, जिसमें तय होता है कि पैसा कहां खर्च होगा। 30 सितंबर 2025 तक कांग्रेस फंडिंग बिल पास नहीं कर पाई, जिससे मध्यरात्रि के बाद शटडाउन हो गया।

  • रिपब्लिकन का रुख: ट्रंप सरकार खर्चों में कटौती पर जोर दे रही है। उन्होंने जुलाई 2025 में एक बड़े डोमेस्टिक पॉलिसी बिल पर हस्ताक्षर किया, जिसमें गैर-नागरिकों को मेडिकेड जैसे लाभों से रोकने जैसे कदम शामिल हैं। रिपब्लिकन्स ने 21 नवंबर तक फंडिंग बढ़ाने का “क्लीन” बिल पेश किया, लेकिन डेमोक्रेट्स ने इसे खारिज कर दिया।
  • डेमोक्रेट्स का विरोध: मुख्य विवाद ओबामा हेल्थकेयर (एफओर्डेबल केयर एक्ट – ACA) सब्सिडी पर है। डेमोक्रेट्स चाहते हैं कि 2025 के अंत में समाप्त हो रही इन टैक्स क्रेडिट्स को बढ़ाया जाए, जो लाखों निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों को सस्ती स्वास्थ्य बीमा देती हैं। रिपब्लिकन्स इससे सहमत नहीं, क्योंकि वे इसे अतिरिक्त खर्च मानते हैं। डेमोक्रेट्स का कहना है कि बिना इन सब्सिडी के बिल पास नहीं होगा।
  • बातचीत की विफलता: 29 सितंबर को व्हाइट हाउस में ट्रंप की कांग्रेस लीडर्स से बैठक हुई, लेकिन कोई सहमति नहीं बनी। सीनेट में 60 वोट्स की जरूरत थी, लेकिन बिल 55-45 से फेल हो गया। वाइस प्रेसिडेंट जेडी वेंस ने कहा कि शटडाउन “संभावित” है।

ट्रंप ने डेमोक्रेट्स को “डिरेंज्ड” कहा और कहा कि वे स्वास्थ्य देखभाल पर बातचीत के लिए इमिग्रेशन मुद्दों को जोड़ना चाहते हैं।

शटडाउन क्या है?

शटडाउन तब होता है जब कांग्रेस समय पर फंडिंग बिल पास न कर पाए। अमेरिकी संविधान के अनुसार, सरकार के पास बिना फंडिंग के खर्च करने का अधिकार नहीं। इससे गैर-आवश्यक सेवाएं रुक जाती हैं।

  • प्रक्रिया: वित्तीय वर्ष शुरू होने पर (1 अक्टूबर) अगर बजट न बने, तो “कंटीन्यूइंग रेजोल्यूशन” (CR) से अस्थायी फंडिंग दी जाती है। लेकिन अगर सहमति न बने, तो शटडाउन हो जाता है। कर्मचारियों को फर्लॉ (बिना पे के छुट्टी) पर भेजा जाता है या वे बिना सैलरी काम करते हैं।
  • इतिहास: 1980 से 14 शटडाउन हो चुके हैं। 2018-19 में ट्रंप के पहले कार्यकाल में 35 दिनों का सबसे लंबा शटडाउन हुआ। 2018 में तीन बार (कुल 39 दिन) हुआ। इससे पहले 2013, 1995-96 में भी।

शटडाउन का असर क्या होगा?

शटडाउन का सीधा असर संघीय सरकार पर पड़ता है। लगभग 7.5 लाख कर्मचारी प्रभावित होते हैं, जो बिना सैलरी काम करेंगे या फर्लो पर जाएंगे। बाद में बैक पे मिलता है।

  • सेवाओं पर असर:
  • आवश्यक सेवाएं जारी: मेडिकल (मेडिकेयर/मेडिकेड), सीमा सुरक्षा, हवाई यातायात, रक्षा, आपातकालीन सेवाएं।
  • गैर-आवश्यक बंद: नेशनल पार्क्स, संग्रहालय (स्मिथसोनियन), IRS (टैक्स रिफंड देरी), छात्र ऋण, खाद्य सहायता (SNAP), संघीय स्कूल। एयरपोर्ट्स में देरी, वीजा प्रोसेसिंग रुक सकती है।
  • अर्थव्यवस्था पर: हर हफ्ते जीडीपी में 0.1-0.2% गिरावट। 2018-19 शटडाउन से 110 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। स्टॉक मार्केट प्रभावित, निवेशक सतर्क।
  • ट्रंप का प्लान: ट्रंप ने शटडाउन के दौरान फेडरल कर्मचारियों को फायर करने की धमकी दी, जो विवादास्पद है। OPM ने गाइडलाइंस जारी कीं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह कानूनी रूप से सीमित है।
  • राज्यों पर: राज्य फंड से कुछ पार्क्स खुल सकते हैं (जैसे कोलोराडो में), लेकिन फेडरल कर्मचारियों का संकट बढ़ेगा।

कब खत्म होगा?

ट्रंप और कांग्रेस के बीच बातचीत जारी है। डेमोक्रेट्स स्वास्थ्य सब्सिडी पर अड़े हैं, जबकि रिपब्लिकन्स “क्लीन” बिल चाहते हैं। व्हाइट हाउस ने डेमोक्रेट्स को दोषी ठहराते हुए मैसेज भेजे, जो एथिक्स लॉ का उल्लंघन हो सकता है।

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