मंगलवार की सुबह वायनाड जिले के मेप्पाडी के पास कई पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन हुआ, जिसके कारण भारी तबाही हुई है। बचाव अभियान में तेजी लाने के लिए भारतीय सेना, डीएससी केंद्र, प्रादेशिक सेना, एनडीआरएफ, भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के 1,200 से अधिक बचावकर्मियों को तैनात किया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि केंद्र ने केरल में भूस्खलन और जानमाल के संभावित नुकसान के बारे में चेतावनी दी थी, लेकिन राज्य सरकार ने इसे नजरअंदाज कर दिया। शाह ने कहा कि एनडीआरएफ की नौ टीमें पहले ही केरल पहुंच गई थीं, लेकिन केरल सरकार समय रहते लोगों को निकालने में विफल रही। राज्यसभा में बोलते हुए शाह ने कहा कि 23 जुलाई को एनडीआरएफ की नौ बटालियनें केरल भेजी गईं तथा राज्य में भूस्खलन की चेतावनी के कारण 30 जुलाई को तीन और बटालियनें भेजी गईं। उन्होंने उच्च सदन में कहा, “भारत उन चार देशों में शामिल है जो प्राकृतिक आपदाओं के बारे में कम से कम सात दिन पहले चेतावनी दे सकते हैं। “पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार की आलोचना करते हुए शाह ने कहा कि यदि सरकार ने अलर्ट को गंभीरता से लिया होता तो वायनाड में जानमाल के नुकसान को कम किया जा सकता था।
उन्होंने उच्च सदन में कहा, “भारत उन चार देशों में शामिल है जो प्राकृतिक आपदाओं के बारे में कम से कम सात दिन पहले चेतावनी दे सकते हैं।”पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार की आलोचना करते हुए शाह ने कहा कि यदि सरकार ने अलर्ट को गंभीरता से लिया होता तो वायनाड में जानमाल के नुकसान को कम किया जा सकता था।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को आश्वस्त करते हुए उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार वायनाड त्रासदी से निपटने के लिए केरल सरकार और वहां के लोगों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है।मंगलवार को वायनाड जिले में हुए विनाशकारी भूस्खलन के बाद से अब तक 158 से अधिक लोग मारे गए हैं।
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