राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा अनियमितताओं की आशंका के कारण यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने के बाद विपक्ष ने बुधवार को भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर नीट-यूजी 2024 परीक्षा रद्द करने का दबाव बनाया है।

बुधवार देर शाम एनटीए ने एक बयान जारी कर कहा कि मंगलवार, 18 जून को आयोजित यूजीसी – नेट परीक्षा रद्द कर दी गई है, क्योंकि “परीक्षा की अखंडता से समझौता किया गया है।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए एक पोस्ट में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “आप (पीएम मोदी) ‘परीक्षा पे चर्चा’ तो बहुत करते हैं, लेकिन आप ‘नीट पे चर्चा’ कब करेंगे? यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द होना लाखों छात्र छात्राओं के जज्बे की जीत है। यह मोदी सरकार के अहंकार की हार है जिसके कारण उन्होंने हमारे युवाओं के भविष्य को रौंदने का घृणित प्रयास किया।”

उन्होंने कहा, “केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने पहले कहा था कि नीट में कोई पेपर लीक नहीं हुआ। जब बिहार, गुजरात और हरियाणा में शिक्षा माफिया की गिरफ्तारी होती है, तो शिक्षा मंत्री स्वीकार करते हैं कि कुछ घोटाला हुआ है। नीट परीक्षा कब रद्द होगी?” यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द करना ऐसे समय में हुआ है जब नीट-यूजी 2024 परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर विवाद चल रहा है, जहां कुछ छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स को लेकर सवाल उठाए गए थे, जो बाद में परीक्षा में टॉप कर गए थे।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पूछा, “भाजपा सरकार की ढिलाई और भ्रष्टाचार युवाओं के लिए घातक है। नीट परीक्षा में घोटाले की खबर के बाद अब 18 जून को आयोजित नेट परीक्षा भी अनियमितताओं की आशंका के चलते रद्द कर दी गई है। क्या अब जवाबदेही तय होगी? क्या शिक्षा मंत्री इस ढुलमुल व्यवस्था की जिम्मेदारी लेंगे?”

आम आदमी पार्टी ने कहा, “अक्षम भाजपा सरकार के राज में एक भी परीक्षा बिना धांधली और पेपर लीक के नहीं हो रही है। यह सरकार देश के भविष्य को बहुत नुकसान पहुंचा रही है। देश के करोड़ों छात्र हर दिन निराशा के अंधेरे में डूब रहे हैं।”

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