समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का दीपावली पर दिया गया बयान राजनीतिक तूफान ला खड़ा कर दिया है। लखनऊ में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने भगवान राम के नाम पर सुझाव देते हुए कहा कि दुनिया भर में क्रिसमस पर शहर महीनों तक जगमगाते हैं, हमें उनसे सीखना चाहिए।
उन्होंने दीये और मोमबत्तियों पर खर्च को ‘फिजूलखर्ची’ बताते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा और कहा, “इस सरकार से क्या उम्मीद करें, इसे हटा देना चाहिए। हम सुनिश्चित करेंगे कि और भी सुंदर लाइटें हों।” यह बयान अयोध्या के दीपोत्सव के ठीक बीच आया, जहां 26 लाख 11 हजार 101 दीयों से विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है, जिसने भाजपा और विश्व हिंदू परिषद (VHP) को भड़का दिया।
मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने अखिलेश पर तीखा प्रहार किया और उन्हें ‘एंथनी’ या ‘अकबर’ बुलाने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “अखिलेश नाम वाला व्यक्ति ऐसी बातें कैसे कह सकता है? मुझे आश्चर्य है कि कोई दीपावली पूजा और दीये जलाने का विरोध कर सकता है।” सारंग ने आगे आरोप लगाया कि “अखिलेश यादव और उनके परिवार ने अपना धर्म बदल लिया लगता है- इसकी जांच होनी चाहिए। राम भक्तों पर गोली चलाने वाले परिवार को राम भक्तों से समस्या तो होगी ही। अखिलेश जवाब दें- क्या वे दीपावली पर पूजा नहीं करेंगे? गोवर्धन पूजा पर दीये नहीं जलाएंगे?” उन्होंने इसे ‘शर्मनाक’ बताते हुए कहा कि चांदी के चम्मच से पले अखिलेश कुम्हार समुदाय के कारीगरों का अपमान कर रहे हैं, जो दीपावली पर हर घर रोशन करते हैं।
VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने एक्स पर पोस्ट कर अखिलेश को ललकारा। उन्होंने कहा, “सुनिए, यह पूर्व मुख्यमंत्री दीपावली पर क्रिसमस की तारीफ कर रहा है। 26 लाख दीयों की पंक्तियों ने इसके दिल को जला दिया है कि यह 100 करोड़ हिंदुओं को उपदेश दे रहा है- ‘दीयों और मोमबत्तियों पर पैसे बर्बाद न करें, क्रिसमस से सीखें।’”
बंसल ने आगे तंज कसा, “ईसाई धर्म अस्तित्व में आने से पहले भी दीपावली मनाई जाती थी। क्रिसमस दो महीने बाद आएगा, लेकिन अखिलेश को अभी से आ गया लगता है। कब छूटेगा उनका एंटी-सनातन माइंडसेट? वेटिकन सिटी जाकर क्रिसमस मनाओ।” VHP ने इसे PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की पाखंडिता बताया, जो कुम्हार भाइयों के दीयों से कमाई होने पर जल रही है।
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, “अखिलेश का बयान न सिर्फ शॉकिंग है, बल्कि हमारे त्योहारों के प्रति असंवेदनशील भी। दीपावली सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों का प्रतीक है- यह प्रकाश की अंधकार पर विजय का संदेश देती है।”भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “मौलाना अखिलेश को कम से कम बताने की कोशिश न करें कि दीपावली कैसे मनाएं।
इस साल का उत्साह उनके जैसे सनातन विरोधियों को चुभ रहा है।” भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तंज कसा, “अयोध्या चमक रही है तो अखिलेश को समस्या हैं। सैफई में गाने-नाचने के फेस्टिवल आयोजित करने वाले अगर अयोध्या में दीपावली देखें तो जल उठते हैं।” गौरव भाटिया ने कहा, “अक्टूबर में क्रिसमस मनाने वालों को दीपावली की रोशनी कैसे भायेगी?”
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