
जम्मू-कश्मीर के अखनूर क्षेत्र के चौकी चौरा में मंगलवार देर रात करीब 2 बजे बादल फटने से सुमाह खड़ नाला उफान पर आ गया, जिससे अखनूर के सुमाह, सुंगल, पंगयाडी, रामनगर कॉलोनी और बोमाल जैसे इलाकों में 200 से अधिक घरों में पानी घुस गया।

इस आपदा से करीब 400 लोग प्रभावित हुए हैं, और फत्तू कोटली में 25 लोग पानी में फंसे हुए हैं। चिनाब नदी का जलस्तर सुबह 8 बजे 44 फीट था, जो अब घटकर 42 फीट हो गया है, लेकिन यह अभी भी खतरे के निशान (32 फीट) से ऊपर है। प्रशासन और राहत टीमें प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय हैं, और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है।
प्रभावित क्षेत्र और नुकसान
- सुमाह खड़ नाला: बादल फटने से नाले में तेज बहाव आया, जिससे सुमाह, सुंगल, पंगयाडी, रामनगर कॉलोनी और बोमाल में भारी जलभराव हुआ। जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत बने ट्यूबवेल की दीवार टूट गई।
- पुलियों का नुकसान: अखनूर से गोपाला और पंगयाडी को जोड़ने वाली दोनों पुलियां बह गईं, जिससे इन गांवों का संपर्क कट गया।
- फत्तू कोटली: गड़खाल पंचायत के इस क्षेत्र में 25 लोग फंसे हैं, और जलमग्नता बढ़ रही है। बोमाल, देवीपुर, भोरकैम्प, चक सिकंदर, मैरा और बंधवाल जैसे चिनाब के किनारे बसे इलाके भी पानी से घिरे हैं।
- नुकसान: स्थानीय लोगों को भारी संपत्ति हानि हुई है। फसलों, घरों और बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान पहुंचा है।
राहत और बचाव कार्य
प्रशासन, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है, और राहत शिविरों में भोजन, पानी और दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से त्वरित सहायता और पुनर्वास की मांग की है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने नदियों और नालों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
गांदरबल में बादल फटने की घटना
जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के कुल्लान में रविवार देर शाम बादल फटने से नदी-नालों में उफान आ गया। सौभाग्य से, इस घटना में अभी तक जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। हालांकि, मौसम विभाग ने जम्मू संभाग के सभी 10 जिलों (जम्मू, ऊधमपुर, सांबा, राजौरी, रियासी, रामबन, किश्तवाड़, डोडा, कठुआ और पुंछ) और कश्मीर के दो जिलों (अनंतनाग और कुलगाम) में बुधवार तक भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन और पत्थर गिरने का रेड अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग की चेतावनी
- रेड अलर्ट: जम्मू संभाग के सभी जिलों और कश्मीर के अनंतनाग व कुलगाम में 3-4 सितंबर तक भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन का खतरा। 40 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
- पठानकोट-जम्मू-श्रीनगर हाईवे: भूस्खलन के कारण यह मार्ग बार-बार बाधित हो रहा है। यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
- चिनाब और तवी नदियां: चिनाब नदी का जलस्तर अखनूर में 42 फीट पर है, जो खतरे के निशान से ऊपर है। तवी नदी भी जम्मू में उफान पर है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
अन्य क्षेत्रों में स्थिति
- रामबन: राजगढ़ में बादल फटने से 3 लोगों की मौत और 4 लोग लापता। कई मकान बह गए, और राहत कार्य जारी हैं।
- किश्तवाड़: मचैल माता मंदिर मार्ग पर चशोती में 14 अगस्त को बादल फटने से 38-46 लोगों की मौत की आशंका, 50 से अधिक लोग रेस्क्यू किए गए।
- डोडा: बादल फटने और भूस्खलन से 10 से अधिक घर तबाह, 3-4 लोगों की मौत।
- वैष्णो देवी मार्ग: भूस्खलन से 32-34 लोगों की मौत, कई घायल। तीर्थयात्रा स्थगित।
- पंजाब और हिमाचल: सतलुज, ब्यास और रावी नदियां उफान पर। पंजाब में 3.5 लाख लोग प्रभावित, 30 मौतें। हिमाचल में 1,337 सड़कें बंद, 156 मौतें।
प्रशासन की कार्रवाई
- जम्मू-कश्मीर: मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से सहायता मांगी। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना ने 3,500 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला।
- केंद्र सरकार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया। एनडीआरएफ की टीमें तैनात।
- अलर्ट: स्कूल-कॉलेज बंद, रेल सेवाएं बाधित, और जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर यातायात प्रभावित।
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में बार-बार बादल फटने की घटनाएं ग्लोबल वार्मिंग और अनियोजित विकास से जुड़ी हैं। जेकेएनसी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने ग्लोबल वार्मिंग को गंभीरता से लेने की अपील की। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्रों में भूमि उपयोग में बदलाव और अत्यधिक बारिश ने बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं को बढ़ा दिया है।
The post अखनूर में बादल फटने से तबाही: सुमाह खड़ नाला उफान पर, 200 से ज्यादा घर जलमग्न, चिनाब नदी का जलस्तर खतरे के करीब appeared first on Live Today | Hindi News Channel.