संभल पुलिस के सामने मुख्य चुनौती यह है कि पुलिस की छापेमारी शुरू होने के बाद से कई आरोपी अपने घरों पर ताला लगाकर शहर छोड़कर भाग गए हैं।

संभल में जिला पुलिस संभल मस्जिद हिंसा से संबंधित मामलों में 70 से अधिक आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए जल्द ही स्थानीय अदालत का दरवाजा खटखटाने की योजना बना रही है। 24 नवंबर को संभल शहर में शाही जामा मस्जिद के न्यायालय द्वारा आदेशित सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा के संबंध में गैर-जमानती वारंट जारी करने के बावजूद पुलिस उन्हें खोजने में असमर्थ रही है।
पुलिस ने विवादित मस्जिद की दीवार सहित पूरे शहर में विभिन्न स्थानों पर 74 आरोपियों के पोस्टर लगाए हैं। हालांकि, पोस्टरों में दिखाए गए किसी भी व्यक्ति का पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल फोन और अन्य माध्यमों से आरोपियों की तस्वीरें हासिल की हैं।
आरोपियों को पकड़ने में पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हिंसा के बाद पुलिस की छापेमारी शुरू होने के बाद से ही कई लोग अपने घरों को बंद करके शहर छोड़कर भाग गए हैं । नवंबर में संभल की सड़कों पर भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और पुलिस अधिकारियों सहित कई अन्य घायल हो गए।
पुलिस उपाधीक्षक (अपराध) कुलदीप कुमार ने कहा, “जिन आरोपियों का हम पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, उनमें से ज़्यादातर पिछले नवंबर से अपने घरों में ताला लगाकर अपने परिवारों के साथ आस-पास के ज़िलों में बस गए हैं। हम जल्द ही स्थानीय अदालत से उनकी संपत्तियों की कुर्की की कानूनी प्रक्रिया शुरू करने के लिए संपर्क करेंगे, इस उम्मीद के साथ कि वे आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर होंगे ताकि हमारी जांच पूरी हो सके।”
पुलिस ने अपने आरोपपत्र में कहा है कि हिंसा स्थल तथा अन्य स्थानों से बरामद हथियारों और कारतूसों पर मुहरें लगी हैं, जिनसे पता चलता है कि वे पाकिस्तान में निर्मित थे या यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, जर्मनी और चेकोस्लोवाकिया में बने थे।
‘जिया उर रहमान बर्क के मामले में जल्द ही आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा’
संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा न्यायिक मजिस्ट्रेट अर्चना सिंह की अदालत में 4,025 पन्नों की चार्जशीट पेश करने के बाद कहा, “हम फिलहाल सांसद के मोबाइल फोन से व्हाट्सएप संदेशों के बारे में अतिरिक्त जानकारी का इंतजार कर रहे हैं और हम हिंसा में विधायक के बेटे की संलिप्तता के बारे में और सबूत जुटा रहे हैं। उनके मामलों के लिए चार्जशीट जल्द ही दायर की जाएगी।”
एसआईटी को 12 में से छह एफआईआर की जांच पूरी करने में 87 दिन लगे। जिन मामलों में आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किए गए हैं, उनमें 159 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें से 80 को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
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