शाहगंज, जौनपुर। अगर आप सड़क किनारे लगे ठेलों, होटलों या ढाबों पर समोसे, पकौड़ी, कचौड़ी, छोले-भटूरे खाने के शौकीन हैं, तो सावधान हो जाइए! क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि ये खाद्य पदार्थ बार-बार इस्तेमाल किए गए जले हुए तेल में तो नहीं तले जा रहे? विशेषज्ञों की मानें तो यह स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक हो सकता है और आपको कैंसर, हार्ट अटैक, नसों में ब्लॉकेज, फैटी लिवर व अन्य गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकता है।
कैसे बनता है जला हुआ तेल जानलेवा?
बाजारों में कई दुकानदार बिना तेल बदले बार-बार उसमें खाद्य पदार्थ तलते रहते हैं, जिससे तेल काला और गाढ़ा हो जाता है। जब एक ही तेल को बार-बार गर्म किया जाता है, तो उसमें फ्री रेडिकल्स और जहरीले एल्डिहाइड बनते हैं, जो शरीर को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाते हैं।
विशेषज्ञों की राय:
✔ डॉ. रफीक फारुकी (सीएचसी अधीक्षक, शाहगंज) कहते हैं, “बार-बार उपयोग किए गए तेल में एंटीऑक्सिडेंट खत्म हो जाते हैं, जिससे रक्त गाढ़ा हो सकता है और सांस लेने में दिक्कत, हार्ट अटैक, कैंसर जैसी घातक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।”
✔ डॉ. राजकुमार मिश्रा (पूर्व आयुर्वेद चिकित्साधिकारी, शाहगंज) बताते हैं, “बार-बार गर्म किए गए तेल में एल्डिहाइड जैसे जहरीले तत्व पैदा हो जाते हैं, जो शरीर में टॉक्सिन पहुंचाकर कैंसर के खतरे को कई गुना बढ़ा देते हैं।”
बचाव के लिए क्या करें?
✅ बाहर खाने से पहले कढ़ाई और तेल की स्थिति जरूर जांचें।
✅ बहुत अधिक काले या गाढ़े तेल में तले गए खाद्य पदार्थों से बचें।
✅ घर पर ताजा और स्वच्छ तेल का ही प्रयोग करें।
✅ बार-बार एक ही तेल का इस्तेमाल करने से बचें।
✅ स्वस्थ आहार अपनाएं और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं।
निष्कर्ष
स्वाद के चक्कर में स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। बार-बार उपयोग किए गए जले हुए तेल में तले गए खाद्य पदार्थ खाने से बचें और दूसरों को भी जागरूक करें। स्वस्थ रहें, सतर्क रहें!