Aawaz News मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर खुटहन विकासखंड के पिलकिच्छा आदि गंगा गोमती में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर पवित्र स्नान किया । हिंदू धर्म के प्रमुख पर्व मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने व्रत, स्नान , दान कर अपने पूर्वजों कोई याद किया । इस पर्व का प्रितु दोष के निवारण में भी महत्वपूर्ण स्थान है ।
मौनी अमावस्या: मौन और आत्मशुद्धि का पर्व
मौनी अमावस्या हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो माघ महीने की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन लोग मौन व्रत रखते हैं और आत्मशुद्धि के लिए ध्यान और पूजा करते हैं।
मौनी अमावस्या का महत्व
* मौन व्रत: इस दिन मौन व्रत रखने का विशेष महत्व होता है। मौन रहकर लोग अपने मन को शांत करते हैं और आंतरिक शक्ति को बढ़ाते हैं।
* आत्मशुद्धि: मौनी अमावस्या को आत्मशुद्धि का पर्व भी कहा जाता है। इस दिन लोग अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं और नए जीवन की शुरुआत करते हैं।
* दान: इस दिन दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है। दान करने से पुण्य मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
* स्नान: पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मन शुद्ध होता है।
मौनी अमावस्या की पूजा विधि
मौनी अमावस्या की पूजा विधि बहुत ही सरल होती है। इस दिन लोग सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करते हैं और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करते हैं। इसके बाद वे मंदिर जाकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।