केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे और उम्मीद है कि वह पूर्वोत्तर राज्य में अस्थिर स्थिति से निपटने के लिए रणनीति तैयार करेंगे।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा से संबंधित तीन प्रमुख मामलों की जांच का कार्यभार संभाल लिया है, जिसके कारण कई लोगों की जान गई और सार्वजनिक व्यवस्था में व्यापक व्यवधान उत्पन्न हुआ। एजेंसी ने गृह मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी आदेश के बाद मणिपुर पुलिस से इन मामलों को अपने हाथ में ले लिया था, क्योंकि तीनों मामलों से जुड़ी हिंसक गतिविधियों के कारण पहाड़ी राज्य में हाल के महीनों में घटनाएं बढ़ गई थीं, जिसके कारण मौतें हुईं और सामाजिक अशांति फैल गई।
मामले क्या हैं?
इन मामलों में जिरीबाम इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और कुकी उग्रवादियों के बीच गोलीबारी शामिल है, जिसमें कम से कम 10 उग्रवादी मारे गए थे। छह लोगों के अपहरण से जुड़ा एक और मामला एनआईए को सौंप दिया गया है। जिरीबाम में छह लोगों के अपहरण के कुछ ही देर बाद उनके शव बरामद हुए। एनआईए ने इस घटना के संबंध में एक अलग मामला दर्ज किया है।
क्षेत्र में बढ़ती अस्थिरता के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने इन मामलों को मणिपुर पुलिस से एनआईए को सौंपने का आदेश जारी किया है। एजेंसी अब जांच का नेतृत्व करेगी और हिंसा से जुड़ी परिस्थितियों और मणिपुर में शांति और सुरक्षा पर इसके व्यापक प्रभाव पर ध्यान केंद्रित करेगी।
16 नवंबर को गृह मंत्रालय ने एक बयान में बताया था कि “प्रभावी जांच के लिए महत्वपूर्ण मामलों को एनआईए को सौंप दिया गया है।” गृह मंत्रालय का यह बयान ऐसे समय में आया है जब मणिपुर में पिछले कुछ दिनों से सुरक्षा परिदृश्य नाजुक बना हुआ है, क्योंकि संघर्षरत दोनों समुदायों (कुकी-जो-हमार और मैतेई) के सशस्त्र उपद्रवी हिंसा में लिप्त हैं, जिसके कारण दुर्भाग्यपूर्ण रूप से लोगों की जान जा रही है और सार्वजनिक व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है।
सुरक्षा बलों को शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश
मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा के जवाब में गृह मंत्रालय ने सभी सुरक्षा बलों को क्षेत्र में व्यवस्था और शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। गृह मंत्रालय ने इस बात पर भी जोर दिया है कि हिंसक या विध्वंसकारी गतिविधियों में शामिल होने का प्रयास करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जनता से शांति बनाए रखने, अफवाहों का शिकार होने से बचने तथा कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने का आग्रह किया गया है।
बढ़ती हिंसा से निपटने के लिए गृह मंत्रालय मणिपुर में 2,000 अतिरिक्त केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के जवानों को तैनात कर रहा है, और ज़रूरत पड़ने पर और जवान भेजे जाएँगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में स्थिति की समीक्षा के लिए रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। आगे की कार्रवाई का आकलन करने के लिए आज वह एक और बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे।
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