लखनऊ में एक 30 वर्षीय डिलीवरी एजेंट की कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या कर दी गई, जिसे एक ग्राहक के घर करीब एक लाख रुपये मूल्य के स्मार्टफोन पहुंचाने का लालच दिया गया था।

पुलिस उपायुक्त शशांक सिंह के अनुसार, 23 सितंबर को भारत प्रजापति की हत्या आरोपी गजानन और उसके साथी आकाश ने की थी। इसके बाद दोनों ने मिलकर उसके शव को इंदिरा नहर में फेंक दिया।

यह घटना तब हुई जब साहू गूगल पिक्सल और वीवो फोन की डिलीवरी करने गए थे, जिन्हें दूसरे आरोपी हिमांशु कनौजिया ने फ्लिपकार्ट से मंगवाया था। कनौजिया ने कैश-ऑन-डिलीवरी भुगतान का विकल्प चुना था।

प्रजापति के घरवालों ने 25 सितंबर को उनके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई, जब वे घर वापस नहीं लौटे। पुलिस ने जांच शुरू की और साहू के कॉल रिकॉर्ड के ज़रिए गजानन का नंबर पता लगाया।

पूछताछ के दौरान गजानन के दोस्त आकाश ने अपराध कबूल करते हुए बताया कि दोनों ने साहू से कीमती स्मार्टफोन लूटने की योजना बनाई थी। साहू को कनौजिया के घर बुलाकर उन्होंने उस पर हमला किया और उसका गला घोंट दिया। इसके बाद उन्होंने उसके शव को एक बोरे में भरकर इंदिरा नहर में फेंक दिया।

पुलिस राज्य आपदा मोचन बल की मदद से शव की तलाश कर रही है।

यह पहली बार नहीं है जब डिलीवरी कर्मचारियों को निशाना बनाया गया है। 2021 में, बेंगलुरु में एक खाद्य वितरण कर्मचारी की लूट के प्रयास में हत्या कर दी गई थी, और 2022 में, नोएडा में एक डिलीवरी एजेंट को भुगतान विवाद को लेकर ग्राहकों द्वारा चाकू घोंपकर मार डाला गया था।

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