Home आवाज़ न्यूज़ Jaunpur News एडीएम ने परखी शाहगंज तहसील में वायरल पत्र की हकीकत

Jaunpur News एडीएम ने परखी शाहगंज तहसील में वायरल पत्र की हकीकत

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वायरल एक चिट्ठी से प्रशासनिक महकमें में हड़कंप, जांच में पाया गया भ्रामक


शाहगंज जौनपुर। गुरुवार की देर शाम से सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही एक चिट्ठी से जौनपुर जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया है। डीएम रविन्द्र कुमार मांदड़ ने इस चिट्ठी की जांच एसडीएम राजेश कुमार चौरसिया से कराया तो प्रथम दृष्टया मामला भ्रामक पाया गया। इस मामले की जांच के लिए जिलाधिकारी ने एडीएम को शाहगंज भेजा है। डीएम ने जिले के सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोई भी अधिकारी किसी प्राइवेट व्यक्ति से कार्य न कराये न ही किसी को अनावश्यक रूप से कार्यालय में घुसने दे। 

गुरुवार की शाम से सोशल मीडिया में डीएम को सम्बोधित एक शिकायती पत्र तेजी से वायरल हो रहा है। पत्र लिखने वाले राजाराम नाम के व्यक्ति राजाराम ने लिखा है कि वह नायब तहसीलदार लपरी का प्राइवेट चपरासी है, उनके घूस का पैसा हम ही अधिवक्ताओं व जनता से वसूलते है , मेरे नीचे  अविनाश यादव व अजीत यादव है हम लोग लगातार झगड़ा कर मारपीट कर घूस का पैसा वसूलते हैं


 प्राइवेट चपरासी को ₹1000 पतिदिन मिलता है मुझे ₹500 ही नायब तहरीलदार देते हैं मेरा पैसा बढ़ाया जाए । 


डीएम इस मामले की जांच करने के लिए एसडीएम शाहगंज को आदेश दिया। इस मामले की नायब तहसीलदार लपरी व तहसीलदार शाहगंज के द्वारा संयुक्त जाँच करायी गयी। जॉच में राजाराम यादव या किसी अन्य नाम का कोई भी प्राइवेट कर्मचारी तहसील शाहगंज में कार्यरत नहीं पाया गया। शिकायतकर्ता राजाराम यादव का मोबाइल नम्बर, पिता का नाम व पता पता अंकित नही है। प्रथम दृष्टया शिकायत मिथ्या एवं भ्रामक है। 


जिलाधिकारी ने रविन्द्र कुमार मादड़ ने बताया कि इस मामले की एसडीएम से जांच कराई गई। जिसमें राजाराम नाम का कोई प्राइवेट कर्मचारी नही हैं , फ़िलहाल पूरे मामले की जांच के लिए शुक्रवार को एडीएम जौनपुर तहसील शाहगंज अचानक आ पहुंचे। अधिवक्ता संघ शाहगंज के अध्यक्ष एवं महामंत्री को तत्काल कार्यालय में बुलाकर वायरल पत्र के बारे में जानकारी हासिल की। और कार्यालय का निरीक्षण किया। प्रेस वार्ता में एडीएम ने बताया कि वायरल पत्र भ्रामक है। एवं गलत है 



ज्ञात हो कि डीएम ने सभी विभागों के अधिकारियों को आदेश दिया है कि कोई भी अधिकारी प्राइवेट कर्मचारी से काम न ले न ही किसी व्यक्ति को अनाधिकृत रूप से दफ्तर में घुसने दे।

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