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Report: shivkumar prajapati
जौनपुर। संसदीय सीट जनपद जौनपुर के सांसद बाबू सिंह कुशवाहा को लोकसभा में सपा ने संसदीय दल का उपनेत बनाकर उत्तर प्रदेश में पिछड़ों की सियासत में बखूबी चांद ढूंढने का दांव चला है। ज्ञात हो कि अभी हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में अन्य पिछड़ी जातियों के नेताओं में टिकट वितरण का नुस्खा सफल होने के बाद सपा काफी उत्साह से लबरेज है। सपा यानी पीडीए की राजनीति के हिट फार्मूले को आगे बढ़ाते हुए समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को यह जिम्मेदारी देकर उत्तर प्रदेश में अच्छी खासी संख्या में मौर्य जाति के मतदाताओं को पूरे तरीके से अपने पाले में करने का पूरा प्रयास किया है। जिससे मौर्य मतदाता सपा के खेमे से जुड़ जाए। राजनीतिक उठा पटक चुनाव के दरमियान जरूर नजर आता है। ऐसे में सपा से स्वामी प्रसाद मौर्य का रिश्ता टूटने के बाद पार्टी नेतृत्व ने कभी पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के करीबी रहे बसपा के कद्दावर नेता में शुमार बाबू सिंह कुशवाहा को अपने पाले में करके जौनपुर संसदीय सीट से चुनावी समर में उतर कर लोगों को चौंका दिया था। बाबू सिंह कुशवाहा सपा के परंपरागत मतदाताओं वाली सीट यानी यादव मुस्लिम के साथ ही स्वजाति मतदाताओं का भरपूर विश्वास हासिल किया है। और भाजपा के राजनीतिक योद्धा माने जाने वाले कद्दावर नेता महाराष्ट्र के पूर्व राज्यमंत्री मंत्री कृपा शंकर सिंह के राजनीतिक रसूखों को मात देते हुए बड़ी संख्या में बाबू सिंह कुशवाहा ने जौनपुर सीट पर विजय हासिल की, सियासत एवं राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अब सपा अपने पीडीए के हिट फार्मूले को और आगे बढ़ना चाहती है। आप के वरिष्ठ नेता जिला महासचिव विनोद प्रजापति ने खुशी जाहिर करते हुए बताते हैं कि प्रदेश की सत्ता से भाजपा सरकार को पूरी तरह से बेदखल करने का ताना-बाना साधनें का प्रयास सपा पीडीए कर रही है। जौनपुर लोकसभा चुनाव में बाबू सिंह कुशवाहा ने भाजपा से प्रत्याशी रहे कद्दावर नेता कृपा शंकर सिंह को 99335 मतों से पराजित कर दिया। था जबकि बाबू सिंह कुशवाहा को 509130, जबकि कृपाशंकर सिंह को 409795 मत मिले थे।