प्रयागराज में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में शिक्षामित्रों के मानदेय को लेकर अवमानना याचिका पर महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि मानदेय बढ़ाने के लिए गठित समिति की रिपोर्ट पर शीघ्र निर्णय लिया जाए। यदि आदेश का पालन न किया गया तो अवमानना कार्यवाही शुरू की जाएगी।
अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा ने इस मामले में हलफनामा दाखिल किया है। समिति की बैठक 21 अक्टूबर को आयोजित हुई थी, जिसमें मानदेय वृद्धि पर विस्तृत चर्चा की गई। समिति ने अपनी सिफारिशें उच्च अधिकारियों को सौंप दी हैं। जस्टिस नीरज तिवारी की एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से समय मांगने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि 1.40 लाख शिक्षामित्रों के हित में अब और विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह मामला वाराणसी निवासी विवेकानंद की अवमानना याचिका पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया कि कोर्ट के पूर्व आदेश का पालन नहीं हो रहा। कोर्ट ने पहले ही सरकार को समिति गठित करने और मानदेय निर्धारण का निर्देश दिया था, लेकिन ठोस कदम न उठाने पर अब सख्ती बरती गई। अगली सुनवाई 18 सितंबर को निर्धारित है, जहां यदि अनुपालन हलफनामा न दाखिल किया गया तो वरिष्ठ अधिकारी कोर्ट में हाजिर होंगे।
शिक्षामित्रों का मानदेय वृद्धि मांग लंबे समय से चली आ रही है, जो राज्य की शिक्षा व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। कोर्ट के इस निर्देश से उम्मीद है कि जल्द ही न्याय मिलेगा।
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