उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के गंगोह क्षेत्र के छापुर गांव में हाल ही में शिव मंदिर को खंडित करने की घटना ने राजनीतिक हलकों में हंगामा मचा दिया है। इस विवाद के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) की कैराना लोकसभा सांसद इकरा हसन बुधवार को गांव पहुंचीं, जहां उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात की।
मंदिर तोड़फोड़ की निंदा करते हुए वे अपने खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणियों पर भावुक हो गईं। इकरा ने कहा कि उन्हें “मुल्ली” और “आतंकवादी” जैसे अपमानजनक शब्दों से नवाजा गया, जो न केवल उनका बल्कि पूरे समाज की बेटियों और बहनों का अपमान है।
घटना की शुरुआत तीन अक्टूबर को हुई, जब असामाजिक तत्वों ने छापुर गांव के शिव लक्ष्मी मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके विरोध में हिंदू सुरक्षा सेवा संघ के जिलाध्यक्ष रोहित प्रधान ने युवाओं के साथ बाइक रैली निकाली, जिसमें सांसद इकरा हसन के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी की गई। वायरल वीडियो में रोहित और उनके 15-20 साथियों को इकरा पर निशाना साधते देखा गया। इकरा ने बिना नाम लिए पूर्व भाजपा सांसद प्रदीप कुमार पर इशारा करते हुए कहा कि यह राजनीतिक मतभेद से कहीं आगे समाज को बांटने की साजिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व सांसद के इशारे पर उनके समर्थकों ने गालियां दिलवाईं।
भावुक इकरा ने जनसभा में आंखें नम करते हुए कहा, “मुझे हर समाज ने बेटी-बहन मानकर वोट दिया। इसलिए मुझे गाली देना पूरे समाज को गाली देने जैसा है। राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन सम्मान के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं।” उन्होंने स्पष्ट शब्दों में जोर दिया कि जो भी दोषी हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। समाज को तोड़ने वालों को कभी माफ नहीं किया जाएगा। इकरा ने योगी सरकार पर भी निशाना साधा, कहा कि आस्था पर चोट पहुंचाने वालों को संरक्षण मिल रहा है, जबकि महिलाओं का अपमान हो रहा है।
सांसद ने धार्मिक सद्भाव पर बल देते हुए कहा कि हर धर्म की आस्था का पूरा सम्मान किया जाना चाहिए। “मंदिर हो या मस्जिद, किसी भी आस्था स्थल को खंडित करना बेहद निंदनीय है। आस्था पर चोट किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” इकरा ने ग्रामीणों की चिंताओं को सुना और स्थिति शांत करने का प्रयास किया। इस दौरान ग्रामीणों ने उनका स्वागत सम्मान के साथ किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आक्रोश भी जताया।
पुलिस ने विवाद के बाद 20 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, और आरोपी रोहित प्रधान सहित अन्य ने माफी मांग ली है। हालांकि, इकरा ने कहा कि माफी से काम नहीं चलेगा, दोषियों को कानूनी सजा मिलनी चाहिए। यह घटना 2024 लोकसभा चुनाव के बाद कैराना में इकरा की जीत (भाजपा के प्रदीप चौधरी को 69,116 वोटों से हराया) के संदर्भ में और संवेदनशील हो जाती है, जहां सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल कायम करने वाली इकरा अब खुद निशाने पर हैं। सपा ने इस मुद्दे को उठाते हुए योगी सरकार पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप लगाया है।
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