पाकिस्तान इन दिनों अमेरिका का ‘लाड़ला’ बनने की कोशिश में लगा है, लेकिन व्हाइट हाउस ने एक झटका देते हुए आधुनिक एयर-टू-एयर मिसाइलों (AMRAAM) की आपूर्ति से इनकार कर दिया।
शुक्रवार (10 अक्टूबर 2025) को अमेरिकी दूतावास ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को नए हथियार नहीं मिलेंगे, केवल मौजूदा क्षमताओं के ‘ससटेनमेंट एंड स्पेयर्स’ (रखरखाव और पुर्जे) की अनुमति है। यह खंडन पाकिस्तानी मीडिया की उन रिपोर्ट्स के बाद आया, जो दावा कर रही थीं कि अमेरिका पाकिस्तान को AIM-120C8 और D3 वेरिएंट की मिसाइलें देगा, जो F-16 फाइटर जेट्स की क्षमता बढ़ा सकती हैं।
अमेरिकी दूतावास का बयान: ‘झूठी रिपोर्ट्स, कोई नई डिलीवरी नहीं’
अमेरिकी दूतावास ने बयान जारी कर कहा, “30 सितंबर 2025 को युद्ध विभाग (Department of War) ने कई देशों (जिनमें पाकिस्तान शामिल) को हथियारों के रखरखाव के लिए अनुबंध संशोधन की सूची जारी की। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि पाकिस्तान को AMRAAM मिसाइलों की डिलीवरी होगी, लेकिन ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। यह संशोधन केवल ससटेनमेंट और स्पेयर्स के लिए है, न कि पाकिस्तान की मौजूदा क्षमताओं में अपग्रेड या नई मिसाइलों की डिलीवरी के लिए।” दूतावास ने जोर दिया कि यह रूटीन अनुबंध है, और पाकिस्तान को कोई नया हथियार नहीं मिलेगा।
यह संशोधन रेथियोन कंपनी के $41.6 मिलियन के अनुबंध (FA8675-23-C-0037) का हिस्सा है, जो 30 से अधिक देशों (UK, Poland, Germany आदि) के लिए AMRAAM C8/D3 वेरिएंट के उत्पादन के लिए है। काम मई 2030 तक पूरा होगा। पाकिस्तान को केवल पुराने स्टॉक के पुर्जे मिलेंगे, न कि नई मिसाइलें।
पाकिस्तानी मीडिया का दावा: ‘मिसाइलें मिलेंगी, F-16 मजबूत होंगे’
पाकिस्तानी मीडिया (जैसे Dawn और Express Tribune) ने 7-8 अक्टूबर को दावा किया कि अमेरिकी युद्ध विभाग ने रेथियोन को AMRAAM मिसाइलों की आपूर्ति का अनुबंध दिया है, जिसमें पाकिस्तान शामिल है। रिपोर्ट्स में कहा गया कि यह F-16 जेट्स के लिए अपग्रेड है, जो ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025) के बाद पाक वायुसेना की क्षमता बढ़ाएगा।
पाकिस्तान ने 2006-07 में 500 AMRAAM मिसाइलें खरीदी थीं, जो उस समय का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर था। नई डील की अफवाहें पाक PM शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ आसिम मुनीर की सितंबर 2025 में ट्रंप से व्हाइट हाउस मुलाकात के बाद उड़ीं।
AMRAAM मिसाइल की खासियत: ‘मिग-21 किलर’, भारत के लिए चिंता का विषय
AMRAAM (AIM-120 Advanced Medium-Range Air-to-Air Missile) अमेरिकी वायुसेना की घातक हवा-से-हवा मिसाइल है, जो 1991 से सेवा में है। ह्यूजेस एयरक्राफ्ट और रेथियोन द्वारा विकसित, यह F-16, F-15, F/A-18 आदि जेट्स पर लगाई जाती है। प्रमुख विशेषताएं:
- रेंज: 20 मील (32 किमी) तक, सुपरसोनिक गति से टारगेट को लॉक कर नष्ट करती है।
- वजन/लंबाई: 150.75 किग्रा, 143.9 इंच।
- खासियत: ‘फायर एंड फॉरगेट’ – लॉक करने के बाद टारगेट को छोड़ देती है, और रडार जैमिंग से बचाव।
पाकिस्तान को नई AMRAAM मिलने की खबर भारत के लिए चिंताजनक थी, क्योंकि यह F-16 को मजबूत बनाती और 2019 बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसी घटनाओं में पाक को बढ़त दे सकती। लेकिन खंडन से राहत मिली।
पाक-अमेरिका संबंध: ट्रंप का ‘लाड़ला’, लेकिन सीमित सहयोग
सितंबर 2025 में शरीफ-मुनीर की ट्रंप से मुलाकात के बाद पाक को ‘मेजर नॉन-नाटो एलाइड’ का दर्जा मिला, लेकिन अमेरिका ने स्पष्ट किया कि सहयोग आतंकवाद विरोध और क्षेत्रीय स्थिरता तक सीमित है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाक की वायुसेना को नुकसान हुआ, और AMRAAM की अफवाहें उड़ीं। लेकिन अमेरिका ने पाक को नई क्षमता नहीं दी, जो भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत करने का संकेत है।
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