
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 20 सितंबर 2025 को सूरत में घोषणा की कि मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (MAHSR) का पूरा खंड 2029 तक पूरी तरह चालू हो जाएगा। उन्होंने इस परियोजना को भारत की सबसे महत्वाकांक्षी रेल परियोजनाओं में से एक बताया।

यह घोषणा शिलफाटा और घनसोली (महाराष्ट्र) के बीच 4.88 किलोमीटर लंबी सुरंग की खुदाई पूरी होने के मौके पर की गई, जिसे न्यू ऑस्ट्रियन टनल मेथड (NATM) का उपयोग करके बनाया गया है। यह सुरंग 21 किलोमीटर लंबे भूमिगत खंड का हिस्सा है, जिसमें ठाणे क्रीक के नीचे 7 किलोमीटर का हिस्सा शामिल है। वैष्णव ने इसे “ऐतिहासिक उपलब्धि” करार देते हुए कहा कि इस परियोजना से मध्यम वर्ग को किफायती और तेज यात्रा का साधन मिलेगा।
प्रमुख बिंदु:
- चरणबद्ध शुरुआत: परियोजना का पहला चरण सूरत-बिलिमोरा खंड पर दिसंबर 2027 में शुरू होगा, 2028 में ठाणे तक विस्तार होगा, और 2029 में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) तक पूरा कॉरिडोर चालू हो जाएगा।
- यात्रा समय: 508 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर मुंबई और अहमदाबाद के बीच की दूरी को 9 घंटे से घटाकर 2 घंटे 7 मिनट में पूरा करेगा, जो 320 किमी/घंटा की रफ्तार से संभव होगा।
- किराया और सुविधा: वैष्णव ने कहा कि किराया मध्यम वर्ग के लिए उचित होगा, अनुमानित तौर पर ₹3,000 से ₹5,000 के बीच। यात्रियों को पहले से टिकट बुक करने की जरूरत नहीं होगी; स्टेशन पर तुरंत टिकट लेकर यात्रा की जा सकेगी। पीक आवर्स में हर 30 मिनट और बाद में हर 10 मिनट में ट्रेन उपलब्ध होगी।
- तकनीकी प्रगति: परियोजना में जापान की शिंकानसेन तकनीक का उपयोग हो रहा है। 383 किमी पियर्स, 401 किमी फाउंडेशन, और 326 किमी गर्डर कास्टिंग का काम पूरा हो चुका है। सूरत स्टेशन लगभग तैयार है, और 157 किमी ट्रैक बेड बिछाया जा चुका है।
- आर्थिक प्रभाव: यह कॉरिडोर मुंबई, ठाणे, वापी, सूरत, वडोदरा, और अहमदाबाद जैसे शहरों को जोड़ेगा, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था और एकीकृत बाजार को बढ़ावा मिलेगा।
- वित्तीय सहायता: परियोजना की कुल लागत ₹1,08,000 करोड़ है, जिसमें 81% (₹88,000 करोड़) जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) से 0.1% ब्याज दर पर ऋण के रूप में और बाकी रेल मंत्रालय (50%) और महाराष्ट्र-गुजरात सरकारों (25%-25%) से वहन किया जा रहा है।
निर्माण की प्रगति:
वैष्णव ने बताया कि गुजरात में 21 में से 17 नदी पुल और 157 किमी ट्रैक बेड का काम पूरा हो चुका है। BKC में भारत का पहला भूमिगत बुलेट ट्रेन स्टेशन बन रहा है, जिसकी खुदाई का 76% काम पूरा हो चुका है। जापान से दो शिंकानसेन ट्रेन सेट (E5 और E3 सीरीज) 2026 में भारत आएंगे, और अगस्त 2026 से सूरत-बिलिमोरा खंड पर ट्रायल रन शुरू हो सकता है।
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