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दिल्ली आश्रम कांड: कानून की पढ़ाई छोड़ने वाली युवती ने खोली स्वामी चैतन्यानंद की पोल, छात्राओं पर अपनाता था घिनौने हथकंडे

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दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी पर 17 छात्राओं ने यौन उत्पीड़न, अभद्र भाषा, और अश्लील संदेश भेजने के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले का खुलासा एक ऐसी युवती ने किया, जिसने कानून की पढ़ाई छोड़कर इस आश्रम से जुड़े संस्थान में दाखिला लिया था।

दिल्ली पुलिस ने 4 अगस्त 2025 को श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम, श्रींगेरी के प्रशासक पी.ए. मुरली की शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 75(2) (यौन उत्पीड़न), 79 (महिलाओं के खिलाफ अपराध), और 351(2) (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया।

स्वामी चैतन्यानंद फरार है, और उसकी आखिरी लोकेशन आगरा में ट्रेस की गई। पुलिस ने एक लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया है और उसकी गिरफ्तारी के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, और उत्तराखंड में छापेमारी कर रही है।

युवती के खुलासे और हथकंडे
आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती, जो पहले पार्थ सारथी के नाम से जाना जाता था, आश्रम से संबद्ध श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट का निदेशक था। एक युवती, जिसने कानून की पढ़ाई छोड़कर इस संस्थान में पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (PGDM) कोर्स में दाखिला लिया था, ने बताया कि स्वामी विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की छात्राओं को निशाना बनाता था। उसने खुलासा किया कि स्वामी:

  • व्हाट्सएप के जरिए धमकी: देर रात छात्राओं को अपने कमरे में बुलाता था और अश्लील संदेश भेजता था। संदेशों में “मेरे कमरे में आओ”, “मैं तुम्हें विदेश यात्रा कराऊंगा”, और “अगर मेरी बात नहीं मानी तो फेल कर दूंगा” जैसे वाक्य शामिल थे।
  • अकादमिक धमकी: छात्राओं को कम अंक देने या फेल करने की धमकी देकर डराता था।
  • लालच: कुछ छात्राओं को लंदन या अन्य विदेशी यात्राओं का लालच देता था।
  • सहायकों की भूमिका: संस्थान की तीन महिला वार्डन और कुछ फैकल्टी सदस्य स्वामी के लिए छात्राओं को उसके कमरे तक पहुंचाने और उनके फोन से संदेश हटाने में मदद करते थे।

इस युवती ने अपनी शिकायत में बताया कि स्वामी ने उससे और अन्य छात्राओं से अनुचित व्यवहार किया, जिसके बाद उसने आश्रम प्रशासन और पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए, जिनमें से 17 ने यौन उत्पीड़न, अभद्र भाषा, और अवांछित शारीरिक संपर्क की पुष्टि की। 16 पीड़िताओं ने पटियाला हाउस कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 83 BNSS के तहत अपने बयान दर्ज कराए।

स्वामी का आपराधिक इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर इस तरह के आरोप लगे हैं। उनके खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हो चुके हैं:

  • 2009: दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में धोखाधड़ी और छेड़छाड़ का मामला दर्ज हुआ था, जिसमें उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी।
  • 2016: वसंत कुंज में एक महिला ने छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज की थी।
  • अन्य मामले: पुलिस के अनुसार, उनके खिलाफ कुल पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें यौन उत्पीड़न और धोखाधड़ी शामिल हैं।

पुलिस ने बताया कि स्वामी ने 2006 में भी एक यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज होने की बात सामने आई है, जो उनके कदाचार के पैटर्न को दर्शाता है।

पुलिस जांच और सबूत

  • फर्जी UN नंबर प्लेट: पुलिस ने संस्थान के बेसमेंट से स्वामी की एक लाल रंग की वॉल्वो कार बरामद की, जिसमें फर्जी संयुक्त राष्ट्र (UN) नंबर प्लेट (39 UN 1) थी। इसके साथ कई अन्य फर्जी डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट भी मिले, जिनकी जांच चल रही है। दूसरा मामला 25 अगस्त को धारा 345(3) (धोखाधड़ी), 318(4) (ठगी), 336(3) (जालसाजी), और 340(2) (फर्जी दस्तावेज) के तहत दर्ज किया गया।
  • सीसीटीवी और डिजिटल सबूत: संस्थान के सीसीटीवी फुटेज के साथ छेड़छाड़ की गई थी, जिसे फोरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है। छात्राओं के मोबाइल फोन से डिलीट किए गए संदेशों को पुनर्प्राप्त करने के लिए भी फोरेंसिक जांच चल रही है।
  • फरार आरोपी: स्वामी की आखिरी लोकेशन आगरा में ट्रेस की गई थी, लेकिन वह बार-बार स्थान बदल रहा है। उसने दिल्ली की एक अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी, जिसे पुलिस के विरोध के बाद खारिज कर दिया गया।

आश्रम का रुख
श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम, श्रींगेरी ने बयान जारी कर कहा कि स्वामी चैतन्यानंद ने “गैरकानूनी और अनुचित” गतिविधियां की हैं, जिसके कारण उसे निदेशक के पद से हटा दिया गया और सभी संबंध तोड़ दिए गए। आश्रम ने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज की है।

सामाजिक और कानूनी प्रभाव
इस मामले ने दिल्ली के आध्यात्मिक और शैक्षणिक समुदायों में हड़कंप मचा दिया है। यह उन निजी संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा पर सवाल उठाता है, जो आश्रमों से संबद्ध हैं। X पर #DelhiAshramScandal ट्रेंड कर रहा है, जहां कई यूजर्स ने इसे “आध्यात्मिकता की आड़ में अपराध” करार दिया। एक यूजर ने लिखा, “यह शर्मनाक है कि EWS छात्राओं को निशाना बनाया गया। सरकार को ऐसे संस्थानों पर सख्ती करनी चाहिए।”

कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला लंबा चल सकता है, क्योंकि स्वामी के खिलाफ कई आपराधिक मामले और फर्जी दस्तावेजों का उपयोग जैसे गंभीर आरोप हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा कि जांच में और खुलासे हो सकते हैं, खासकर संस्थान के अन्य कर्मचारियों की भूमिका को लेकर।

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