उत्तर प्रदेश सरकार ने आउटसोर्सिंग के जरिए होने वाली भर्तियों में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब तृतीय (श्रेणी-3) और चतुर्थ (श्रेणी-4) श्रेणी के पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार की प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है। इन पदों पर चयन केवल लिखित परीक्षा के आधार पर होगा।
यह फैसला उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) के माध्यम से लागू किया जाएगा, जिसका गठन कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 के तहत गैर-लाभकारी सार्वजनिक कंपनी के रूप में किया गया है।
दिशा-निर्देशों का विवरण:
- लिखित परीक्षा आधारित चयन: श्रेणी-3 (जैसे कार्यालय स्तर-3, टंकण, इलेक्ट्रिशियन, डाटा प्रोसेसिंग स्तर-3, वाहन चालन आदि) और श्रेणी-4 (जैसे सफाई कर्मी, लिफ्ट ऑपरेटर, बागवान, सुरक्षा आदि) के पदों पर भर्ती के लिए अब साक्षात्कार नहीं होगा। चयन प्रक्रिया में केवल लिखित परीक्षा के अंकों के आधार पर मेरिट तैयार की जाएगी, जिससे योग्य उम्मीदवारों को निष्पक्ष अवसर मिले।
- पारदर्शिता और आरक्षण: भर्ती प्रक्रिया में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), दिव्यांगजन, भूतपूर्व सैनिक, और महिलाओं के लिए नियमानुसार आरक्षण का प्रावधान सुनिश्चित किया जाएगा। निराश्रित, तलाकशुदा, और परित्यक्ता महिलाओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
- शैक्षिक योग्यता और स्थानीयता: चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल निर्धारित की गई है, और संबंधित जिले के स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह नियम अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों पर भी लागू होगा।
- सेवायोजन पोर्टल के जरिए चयन: अभ्यर्थियों का चयन सेवायोजन पोर्टल (https://sewayojan.up.nic.in/) के माध्यम से होगा। विभागों की मांग के अनुसार एक पद के लिए पांच आवेदक और दो या अधिक पदों के लिए तीन गुना आवेदकों की सूची तैयार की जाएगी।
- वेतन और सुविधाएं:
- श्रेणी-3 के लिए न्यूनतम मासिक मानदेय 22,000 रुपये और श्रेणी-4 के लिए 20,000 रुपये निर्धारित किया गया है।
- कर्मचारियों को ईपीएफ, ईएसआई, और जीएसटी का लाभ समय पर मिलेगा, और वेतन हर महीने 1 से 5 तारीख के बीच उनके बैंक खाते में जमा होगा।
- सेवा के दौरान मृत्यु होने पर 15,000 रुपये अंतिम संस्कार सहायता के रूप में दिए जाएंगे।
- सेवा अवधि और समाप्ति: आउटसोर्सिंग कर्मियों की नियुक्ति अवधि अधिकतम तीन वर्ष होगी, जिसके बाद नवीनीकरण किया जा सकता है। किसी भी अनियमितता पर सेवा तुरंत समाप्त की जा सकती है।
उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम का गठन:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में 2 सितंबर 2025 को हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मंजूरी दी गई। यह निगम जेम पोर्टल के माध्यम से सेवा प्रदाता एजेंसियों का चयन करेगा, जिससे भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और व्यवस्थित होगी। निगम का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स मुख्य सचिव की अध्यक्षता में काम करेगा, जिसमें अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव (वित्त, कार्मिक, न्याय, श्रम) निदेशक होंगे।
उद्देश्य और प्रभाव:
सरकार का यह कदम आउटसोर्सिंग भर्तियों में पहले होने वाली अनियमितताओं, जैसे वेतन में कटौती, समय पर भुगतान न होना, और एजेंसियों द्वारा शोषण, को रोकने के लिए उठाया गया है। साक्षात्कार हटाने से भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और पक्षपात की संभावना कम होगी। साथ ही, स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, और कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिलेगा।
The post यूपी में आउटसोर्सिंग भर्ती में बड़ा बदलाव: श्रेणी तीन और चार के लिए साक्षात्कार खत्म, शासन ने जारी किए दिशा-निर्देश appeared first on Live Today | Hindi News Channel.