
रूस-यूक्रेन युद्ध के तीसरे साल में एक नया मोर्चा खुलने का खतरा बढ़ गया है। बुधवार (10 सितंबर 2025) को पोलैंड की सेना ने दावा किया कि उन्होंने रूसी ड्रोन को मार गिराया, जो यूक्रेन पर हमले के दौरान पोलैंड के हवाई क्षेत्र में घुस आए थे।

पोलैंड की ऑपरेशनल कमांड ने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, “रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के दौरान हमारे हवाई क्षेत्र का बार-बार उल्लंघन ड्रोन जैसी वस्तुओं द्वारा किया गया। इनकी पहचान कर उन्हें नष्ट कर दिया गया।” यह घटना यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से (पोलैंड सीमा के पास) पर रूसी हमलों के बीच हुई, जहां रडार ने 10 से अधिक ऑब्जेक्ट ट्रैक किए। पोलैंड ने इसे “आक्रामकता का कार्य” करार दिया, जो युद्ध की शुरुआत के बाद पहली बार किसी NATO सदस्य देश द्वारा रूसी एसेट्स को सीधे निशाना बनाने जैसा है।
घटना का विवरण: कैसे हुई घुसपैठ?
रूसी सेना ने रात भर यूक्रेन के पश्चिमी क्षेत्रों पर बड़े पैमाने पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिसमें शाहेद-टाइप ड्रोन शामिल थे। यूक्रेन की एयर फोर्स ने शुरुआत में टेलीग्राम पर अलर्ट जारी किया कि रूसी ड्रोन पोलैंड के हवाई क्षेत्र में घुस आए और ज़ामोस्क शहर को खतरा था, लेकिन बाद में इसे हटा लिया। पोलैंड ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए अपने और NATO के लड़ाकू विमान (F-16 सहित) तैनात किए, हवाई रक्षा प्रणालियों को हाई अलर्ट पर डाला। परिणामस्वरूप, कम से कम 4 ड्रोन मार गिराए गए, जबकि बाकी रडार से गायब हो गए। पोलैंड के चार हवाई अड्डों (वारसॉ चोपिन, रज़ेशो, लुब्लिन और वारसॉ मॉडलिन) को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा। अब गिरे हुए ड्रोनों के मलबे की तलाश जारी है, और नागरिकों को चेतावनी दी गई है कि वे इनके पास न जाएं क्योंकि वे खतरनाक हो सकते हैं।
पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने एक्स पर लिखा, “पोलैंड के हवाई क्षेत्र के बार-बार उल्लंघन पर सैन्य कार्रवाई की गई है।” रक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति और पीएम को सूचित किया गया, और NATO महासचिव मार्क रुट्टे से संपर्क साधा गया। पूर्व अमेरिकी सेना कमांडर बेन हॉजेस ने इसे “NATO की हवाई रक्षा की जानबूझकर परीक्षा” बताया।
पृष्ठभूमि: रूस की बढ़ती चुनौतियां
2022 से अब तक रूसी ड्रोन कई बार पोलैंड और रोमानिया जैसे NATO देशों के हवाई क्षेत्र में घुसे हैं, लेकिन इन्हें कभी निशाना नहीं बनाया गया—एस्केलेशन से बचने के लिए। इस बार पोलैंड ने खतरे को गंभीर मानते हुए कार्रवाई की। यूक्रेन के विदेश मंत्री एंड्रई सिबिहा ने कहा कि यह व्लादिमीर पुतिन की “पश्चिम की परीक्षा” और युद्ध का विस्तार दर्शाता है। अमेरिकी सीनेटर डिक डर्बिन ने कहा, “पुतिन पोलैंड और बाल्टिक देशों की सुरक्षा की परीक्षा ले रहे हैं।” रूस ने अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन हाल ही में पुतिन की चीन और उत्तर कोरिया के नेताओं से मुलाकात को पश्चिमी एकजुटता के खिलाफ देखा जा रहा है।
इस घटना से पहले, 4 सितंबर को भी दो ड्रोन पोलैंड में घुसे थे, लेकिन उन्हें नष्ट नहीं किया गया क्योंकि खतरा कम था। अब “ज़ापाड-2025” सैन्य अभ्यास (रूस-बेलारूस) शुक्रवार से शुरू होने वाला है, जिसके चलते पोलैंड बेलारूस सीमा को बंद करने की योजना बना रहा है।
संभावित प्रभाव: NATO और यूरोप पर खतरा
यह घटना रूस-यूक्रेन युद्ध को NATO सीधे शामिल करने का जोखिम बढ़ा रही है। पोलैंड ने सैनिकों की रिपोर्टिंग समय को 6 घंटे कर दिया और पूर्वी प्रांतों में टेरिटोरियल डिफेंस फोर्स सक्रिय की। विशेषज्ञों का कहना है कि रूस जानबूझकर सीमाओं का उल्लंघन कर रहा है ताकि NATO की प्रतिक्रिया माप सके। यदि ऐसी घटनाएं बढ़ीं, तो NATO का आर्टिकल 5 (सामूहिक रक्षा) लागू हो सकता है। यूक्रेन ने पोलैंड से आग्रह किया है कि सीमा पर हवाई क्षेत्र बंद किया जाए। अमेरिका ने पोलैंड को समर्थन का आश्वासन दिया, लेकिन एस्केलेशन से बचने पर जोर दिया।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं तेज हैं: कई यूजर्स इसे “युद्ध का नया मोर्चा” बता रहे हैं, जबकि कुछ ने चेतावनी दी कि बाल्टिक राज्यों में “माइनर इनकर्शन” हो सकता है। पोलैंड के पूर्वी प्रांतों में हाई अलर्ट जारी है, और NATO की बैठक बुलाई गई है।
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