
जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट उमेश कुमार की अदालत ने आठ वर्ष पूर्व नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म मामले में आरोपी युवक को दोषी पाते हुए 10 वर्ष का सश्रम कारावास और 15,000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मामले का विवरण
अभियोजन के अनुसार वादिनी ने लाइन बाजार थाने में मुकदमा दर्ज कराया था कि उसकी 16 वर्षीय पुत्री को पड़ोसी भरत पुत्र वंशराज ने अपनी भाभी मालती, प्रमिला और सोमारू के साथ साजिश करके 3 मई 2017 की सुबह करीब 5 बजे बहला-फुसलाकर भगा ले गया। पीड़िता अपने साथ गहने और बैंक पासबुक भी ले गई थी।
पुलिस विवेचना के बाद आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत किया गया। वहीं, पीड़िता ने बयान में कहा कि उसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक थी और उसने अपनी सहमति से आरोपी भरत से शादी की। वर्तमान में वह पति-पत्नी की तरह साथ रह रहे हैं और उनके दो बच्चे भी हैं।
इसके बावजूद अदालत ने मामले की गंभीरता और साक्ष्यों को देखते हुए आरोपी भरत को दोषसिद्ध पाते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 15,000 रुपये जुर्माना की सजा दी।