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काशी से पीएम मोदी का स्वदेशी संदेश: ‘हम वही खरीदेंगे, जिसमें भारत का पसीना बहे’

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वाराणसी के सेवापुरी में बनौली (कालिका धाम) में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी और ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने का आह्वान किया। उन्होंने 2,200 करोड़ रुपये की 52 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया, जिसमें किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त के तहत देशभर के 9.7 करोड़ किसानों के लिए 20,500 करोड़ रुपये जारी किए गए। अपने 54 मिनट के भाषण में पीएम ने वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के दौर में भारत के आर्थिक हितों की रक्षा और स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।

स्वदेशी का संकल्प और वैश्विक संदर्भ
पीएम मोदी ने कहा, “दुनिया की अर्थव्यवस्था अस्थिरता और आशंकाओं से गुजर रही है। सभी देश अपने हितों पर ध्यान दे रहे हैं। भारत भी तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। ऐसे में हमें अपने आर्थिक हितों को प्राथमिकता देनी होगी।” उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका के हाल के टैरिफ और व्यापार नीतियों पर टिप्पणी करते हुए कहा, “हम उन चीजों को खरीदेंगे, जिसे बनाने में भारत का पसीना बहा है। हमें ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ को अपनाना होगा।” यह बयान भारत-अमेरिका व्यापार तनाव के संदर्भ में देखा जा रहा है, जहां हाल के महीनों में टैरिफ और आयात प्रतिबंधों को लेकर चर्चाएं तेज हुई हैं।

‘हर नागरिक बने स्वदेशी का प्रचारक’
मोदी ने हर नागरिक से स्वदेशी को अपनाने की जिम्मेदारी लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “हमारा घर में जो भी नया सामान आएगा, वो स्वदेशी होगा। दुकानदार भाइयों से भी मैं कहता हूं कि स्वदेशी माल को प्राथमिकता दें।” यह संदेश भारत के लघु उद्योगों, किसानों, और युवाओं के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए है, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की अनिश्चितताओं के बीच आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम है। पीएम ने इसे केवल सरकारी नीति तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे हर नागरिक की जिम्मेदारी बताया।

ऑपरेशन सिंदूर और राष्ट्रीय सुरक्षा
पीएम ने अपने भाषण में अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर गर्व जताया। उन्होंने कहा, “मैंने बेटियों के सिंदूर का बदला लेने का वचन दिया था, जो महादेव के आशीर्वाद से पूरा हुआ। अगर पाकिस्तान ने फिर कोई पाप किया, तो हमारी मिसाइलें आतंकियों को तबाह कर देंगी।” यह बयान भारत की मजबूत रक्षा नीति और ‘मेड इन इंडिया’ रक्षा उपकरणों की बढ़ती वैश्विक मांग को रेखांकित करता है। उन्होंने विपक्ष, खासकर कांग्रेस और सपा, पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सेना के पराक्रम का अपमान कर रहे हैं।

आर्थिक और सामाजिक संदेश

  • किसान और लघु उद्योग: पीएम ने किसानों और लघु उद्योगों को अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया। किसान सम्मान निधि और ड्रोन दीदी जैसे अभियानों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है।
  • लखपति दीदी: उन्होंने बताया कि डेढ़ करोड़ से अधिक लखपति दीदी बन चुकी हैं, और तीन करोड़ का लक्ष्य जल्द पूरा होगा। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
  • आर्थिक प्रगति: भारत की आर्थिक प्रगति पर जोर देते हुए पीएम ने कहा कि 2014 में भारत नाजुक अर्थव्यवस्थाओं में था, लेकिन अब यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।

सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ
यह भाषण ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव की खबरें चर्चा में हैं। हाल ही में अमेरिका द्वारा कुछ भारतीय उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने की खबरें आई थीं, जिसके जवाब में भारत ने भी जवाबी कदमों की बात कही थी। पीएम का ‘स्वदेशी’ पर जोर इस तनाव को संतुलित करने और भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। साथ ही, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता ने भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत किया है।

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