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यूपी के अगले मुख्य सचिव पर सस्पेंस, मनोज कुमार सिंह को विस्तार या नई नियुक्ति? आज साफ होगी तस्वीर

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उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का कार्यकाल आज, 31 जुलाई 2025 को समाप्त हो रहा है। राज्य का अगला मुख्य सचिव कौन होगा, इसकी तस्वीर गुरुवार को साफ होने की उम्मीद है। मनोज कुमार सिंह को सेवा विस्तार मिलेगा या नई नियुक्ति होगी, इसे लेकर बुधवार को लखनऊ से दिल्ली तक अटकलों का दौर चला। केंद्र सरकार से कोई स्पष्ट संकेत न मिलने के कारण यह सस्पेंस बरकरार है।

मनोज कुमार सिंह, 1988 बैच के आईएएस अधिकारी, 30 जून 2024 को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव बने थे। वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी अधिकारियों में गिने जाते हैं और वर्तमान में आधारभूत संरचना और औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी), पिकप के अध्यक्ष, यूपीईआईडीए के सीईओ, यूपीएसएचए के सीईओ, और यूपी डीएएसपी के परियोजना निदेशक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर हैं।

राज्य सरकार ने उनके एक साल के सेवा विस्तार के लिए जुलाई 2025 के पहले सप्ताह में केंद्र सरकार को पत्र भेजा था, जिसमें उनकी औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास में योगदान, एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य, और आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट व ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी जैसे कार्यक्रमों का हवाला दिया गया।

केंद्र सरकार ने पहले अनूप चंद्र पांडेय (2019 में छह माह) और दुर्गा शंकर मिश्र (दो साल और छह माह) को सेवा विस्तार दिया था, जिसके पत्र अंतिम दिन जारी हुए थे। इसीलिए ब्यूरोक्रेसी और प्रदेश की नजरें केंद्र के फैसले पर टिकी हैं। यदि मनोज कुमार सिंह को विस्तार नहीं मिलता, तो तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के नाम चर्चा में हैं:

  • शशि प्रकाश गोयल (1989 बैच): मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव, नागरिक उड्डयन, संपदा, और अतिरिक्त निवास आयुक्त (यूपी) के रूप में कार्यरत। वह पिछले आठ वर्षों से मुख्यमंत्री कार्यालय में हैं और योगी आदित्यनाथ के विश्वासपात्र माने जाते हैं। उनकी वरिष्ठता और अनुभव उन्हें रेस में सबसे आगे रखता है।
  • देवेश चतुर्वेदी (1989 बैच): वर्तमान में केंद्र में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव। वह अगस्त 2024 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और जून 2024 में सहकारिता मंत्रालय के सचिव का अतिरिक्त प्रभार मिला। उनकी यूपी कैडर में वापसी की संभावना कम है।
  • दीपक कुमार (1990 बैच): वित्त, कृषि उत्पादन आयुक्त, और राज्य सतर्कता आयोग के अध्यक्ष। मई 2025 में उनकी नियुक्ति ने मुख्य सचिव की रेस में प्रतिस्पर्धा बढ़ा दी है।

केंद्र का रुख और हालिया उदाहरण
केंद्र ने हाल ही में यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार के सेवा विस्तार के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था, जिसके बाद 31 मई 2025 को उनकी सेवानिवृत्ति हुई। इससे मनोज कुमार सिंह के विस्तार को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्र सरकार की मंजूरी न मिलने पर शशि प्रकाश गोयल की नियुक्ति सबसे संभावित है, क्योंकि उनकी वरिष्ठता, अनुभव, और मुख्यमंत्री के साथ निकटता उन्हें मजबूत दावेदार बनाती है।

प्रशासनिक और राजनीतिक महत्व
मुख्य सचिव का पद उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक स्थिरता और मुख्यमंत्री की नीतियों को लागू करने में केंद्रीय भूमिका निभाता है। 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट जैसे बड़े आयोजनों के मद्देनजर सरकार किसी बड़े बदलाव से बचना चाहती है। यदि विस्तार नहीं मिला, तो नई नियुक्ति के साथ ब्यूरोक्रेसी में व्यापक फेरबदल की संभावना है, क्योंकि हाल ही में 22 पीसीएस अधिकारियों को आईएएस में पदोन्नति दी गई है।

केंद्र सरकार का फैसला आज देर शाम तक आने की उम्मीद है। यह तय करेगा कि यूपी में प्रशासनिक नेतृत्व में निरंतरता बनी रहेगी या नया अध्याय शुरू होगा।

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