
छत्तीसगढ़ में 500 करोड़ रुपये से अधिक के कथित मेडिकल सप्लाई घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार, 30 जुलाई 2025 को रायपुर, दुर्ग और आसपास के क्षेत्रों में 18 ठिकानों पर छापेमारी की।

यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है, जो 2023 में चिकित्सा उपकरणों और अभिकर्मकों की खरीद में अनियमितताओं से जुड़ी है। इस घोटाले से राज्य के खजाने को लगभग 550 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
ईडी की छापेमारी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSCL) और स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (DHS) के कुछ अधिकारियों, मेडिकल सप्लायर्स, एजेंटों और बिचौलियों के परिसरों पर केंद्रित है। जांच अप्रैल 2024 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दायर आरोपपत्र पर आधारित है, जिसमें मोक्षित कॉर्पोरेशन, सीबी कॉर्पोरेशन (दुर्ग), रिकॉर्ड्स एंड मेडिकेयर सिस्टम (पंचकुला), और श्री शारदा इंडस्ट्रीज (रायपुर) जैसी कंपनियों पर CGMSCL अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर अनियमित खरीद करने का आरोप है।
आरोपपत्र के अनुसार, जनवरी 2022 से अक्टूबर 2023 के बीच CGMSCL ने बिना बजट स्वीकृति या प्रशासनिक अनुमति के 314.81 करोड़ रुपये के खरीद आदेश जारी किए। इसमें EDTA ट्यूब्स जैसी सामग्री को बाजार मूल्य (1.50-8.50 रुपये प्रति यूनिट) से कई गुना अधिक (23.52-30.24 रुपये प्रति यूनिट) कीमत पर खरीदा गया, जिससे करीब 2 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। EOW की जांच में पाया गया कि निविदा समिति की बैठकों में पारदर्शिता की कमी थी, और अधिकारियों ने जानबूझकर प्रक्रियात्मक नियमों को दरकिनार कर मोक्षित कॉर्पोरेशन को फायदा पहुंचाया।
ईडी की यह कार्रवाई घोटाले में शामिल अधिकारियों और कंपनियों के खिलाफ निर्णायक कदम है। जांच में सामने आए तथ्यों से जनता में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीद बढ़ी है। आगे की जांच में और खुलासे होने की संभावना है, जो इस मामले को और गंभीर बना सकती है।
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