
🗓 जुलाई 20, 2025 | ✍ संवाददाता: सुजीत वर्मा, ब्यूरो चीफ, आवाज़ न्यूज़
जौनपुर। जिले में बिजली विभाग में कार्यरत निविदा कर्मचारी इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। विगत 6 महीनों से वेतन नहीं मिलने के कारण कई कर्मचारी अपने बच्चों का स्कूलों में दाखिला तक नहीं करा पा रहे हैं। दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उन्हें उधार लेने की मजबूरी हो गई है, जिससे उनके परिवार भूखमरी के कगार पर पहुँच चुके हैं।
वेतन न मिलने से छिन रही शिक्षा की उम्मीदें
बिजली विभाग में पिछले 20 वर्षों से सेवा दे रहे अजय प्रकाश यादव ने बताया कि फरवरी 2025 के बाद से वेतन भुगतान पूरी तरह से बंद है। उन्होंने कहा,
> “हमसे रोज़ काम लिया जा रहा है, रिपोर्टें भी बनाई जा रही हैं लेकिन कंपनी वेतन नहीं दे रही। बच्चों का एडमिशन तक नहीं करा पा रहे।”
ग्लोबल टेक कंपनी पर गंभीर आरोप
कर्मचारियों का आरोप है कि जब से विभाग में नई कंपनी ग्लोबल टेक का संचालन शुरू हुआ है, तब से 50 से 60 कर्मचारियों को बिना सूचना और नोटिस के सेवा से हटा दिया गया। वहीं जिनका नाम सूची में है, उन्हें भी वेतन नहीं मिल रहा है।
जेई और एसडीओ के द्वारा नियमित काम लिया जाता है, लेकिन वेतन की जिम्मेदारी कंपनी पर डाल दी जाती है, जो भुगतान नहीं कर रही।
अधिकारियों से नहीं मिल रही स्पष्टता
कर्मचारियों ने बताया कि अधीनस्थ अधिकारियों से जब वे संपर्क करते हैं तो कहा जाता है कि “ऊपर से सभी को हटा दिया गया है”, जबकि उसी दौरान उनसे काम भी लिया जाता रहा।
शासन की मंशा बनाम विभाग की हकीकत
शासन की ओर से शहर क्षेत्र में 133 कर्मचारियों की तैनाती का निर्देश है, लेकिन विभागीय अधिकारी सिर्फ 120 कर्मचारियों की उपस्थिति दिखाकर वेतन उठा रहे हैं। इस गड़बड़ी की वजह से 50 से अधिक कर्मचारी वेतन से वंचित हैं।
एमएलसी से मिला आश्वासन
विभिन्न कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं को लेकर एमएलसी बृजेश सिंह ‘प्रिंसु’ के माध्यम से ज्ञापन सौंपा है। एमएलसी ने भरोसा दिलाया है कि वे डीएम और एक्सईएन को पत्र लिखकर जल्द वेतन भुगतान कराएंगे।