कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार को ‘अहंकारी’ करार देते हुए कहा कि सरकार को युवाओं के भविष्य के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए और परीक्षाओं में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए। प्रियंका गांधी वाड्रा नीट-यूजी विवाद का जिक्र कर रही थीं।

उन्होंने कहा, “नई भाजपा सरकार ने शपथ लेते ही फिर से युवाओं के सपनों पर हमला करना शुरू कर दिया है। नीट परीक्षा परिणामों में अनियमितताओं पर शिक्षा मंत्री का अहंकारी जवाब 24 लाख छात्रों और उनके अभिभावकों की चीख-पुकार को पूरी तरह से नजरअंदाज करता है। क्या शिक्षा मंत्री को सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध तथ्य नहीं दिखते? क्या सरकार बिहार और गुजरात में पुलिस की कार्रवाई और पकड़े गए रैकेट को भी झूठ मानती है? क्या यह भी झूठ है कि 67 टॉपर्स को पूरे अंक मिले? सवाल यह है कि लाखों युवाओं और उनके अभिभावकों की अनदेखी करके सरकार सिस्टम में किसे बचाना चाहती है?”

उन्होंने कहा, “क्या युवाओं के सपनों को इस भ्रष्ट परीक्षा प्रणाली की बलि चढ़ना बंद नहीं होना चाहिए? क्या सरकार की यह जिम्मेदारी नहीं है कि वह छात्रों और अभिभावकों की अनदेखी करने के बजाय शिकायतों को गंभीरता से देखे और कार्रवाई करे? भाजपा सरकार को अपना अहंकार त्यागकर युवाओं के भविष्य के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए और परीक्षाओं में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।”

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर नीट-यूजी 2024 परीक्षा रद्द करने और पांच मई को आयोजित परीक्षा में कथित अनियमितताओं की सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी से शीर्ष अदालत की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई है। मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए 20 छात्रों द्वारा दायर याचिका में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) और अन्य को नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।

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