
✍️ आवाज़ न्यूज़ ब्यूरो
27 लाख बिजली कर्मचारी आज निजीकरण के विरोध में उतरे सड़कों पर
जौनपुर सहित पूरे उत्तर प्रदेश में हुआ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन
बिजली के निजीकरण के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आह्वान पर बुधवार को देशभर में बिजली कर्मचारियों ने एकजुट होकर सांकेतिक हड़ताल की। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के नेतृत्व में हुए इस आंदोलन को उत्तर प्रदेश में जबरदस्त समर्थन मिला, जहां एक लाख से अधिक बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता विरोध प्रदर्शन में सम्मिलित रहे। जौनपुर में भी सैकड़ों बिजलीकर्मियों ने विरोध मार्च निकालते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
जौनपुर में विरोध प्रदर्शन का नज़ारा
जनपद जौनपुर में बिजलीकर्मियों ने विरोध सभा के माध्यम से स्पष्ट संदेश दिया कि निजीकरण किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सभा को संबोधित करते हुए सत्या उपाध्याय ने कहा कि, “निजीकरण उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हितों के खिलाफ है।”
वहीं जितेंद्र यादव ने कहा, “पिछले 8 महीनों से बिजलीकर्मी संघर्षरत हैं, लेकिन सरकार संवाद के लिए तैयार नहीं है।”
ई. सौरभ मिश्रा ने आशंका जताई कि, “निजीकरण के चलते उपभोक्ताओं का शोषण बढ़ेगा और बिजली की दरें भी आसमान छुएंगी।”
सभा में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे –
ई. धीरेंद्र सिंह, ई. धर्मेंद्र गुप्ता, ई. आनंद यादव, ई. कृपाशंकर पटेल, ई. मुकुंद यादव, ई. आशीष यादव, ई. गुंजन यादव, ई. हरिनंदन राय, ई. मनोज गुप्ता, गिरीश यादव, कमलाकांत मिश्रा, प्रभात पांडेय, धुरेन्द्र विश्वकर्मा सहित अनेक कर्मचारी मौजूद रहे।
सरकार को चेतावनी – आंदोलन होगा और उग्र
संघर्ष समिति ने साफ किया कि यह आंदोलन वेतन या सुविधा की मांग नहीं, बल्कि आमजन को सस्ती और भरोसेमंद बिजली सेवा दिलाने की लड़ाई है।
यदि निजीकरण के फैसले को तुरंत वापस नहीं लिया गया, तो यह आंदोलन लंबा और निर्णायक रूप लेगा।
शांति के साथ सेवा जारी रखने का भरोसा
बिजलीकर्मियों ने यह भी स्पष्ट किया कि उपभोक्ताओं की मूलभूत विद्युत आवश्यकताओं को बाधित न किया जाए, इसके लिए विशेष निगरानी टीमें प्रत्येक जनपद में सक्रिय हैं।
🟡 यह सिर्फ कर्मचारियों की नहीं, बल्कि जनता के हक और भविष्य की लड़ाई है।
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