
एटा जिले के अवागढ़ थाना क्षेत्र के ढकपुरा गांव में 21 जून 2025 की रात एक दलित बरात को कथित रूप से ठाकुर समाज की गली से निकालने पर रोक लगाने के कारण जमकर हंगामा और पथराव हुआ। इस घटना में सकरौली थाने का सिपाही सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे प्राथमिक उपचार के बाद आगरा रेफर किया गया। पुलिस ने 15 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

गांव ढकपुरा में स्वर्गीय प्रेम बाबू की बेटी आरती की शादी हाथरस के रुदायन निवासी विकास कुमार से तय थी। 21 जून की रात बरात गांव पहुंची। आरोप है कि बरात को एक खास रास्ते से निकालने पर क्षत्रिय समाज के कुछ लोगों ने आपत्ति जताई, जिससे विवाद शुरू हुआ। दोनों पक्षों में कहासुनी के बाद पथराव शुरू हो गया, जिससे बरातियों में भगदड़ मच गई। कई बराती खेतों में छिपकर अपनी जान बचाने को मजबूर हुए।
सूचना पर अवागढ़ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और आसपास के थानों से अतिरिक्त बल बुलाया गया। पुलिस दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश कर रही थी, तभी कुछ लोगों ने फिर से पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान सिपाही सुनील कुमार के सिर पर पत्थर लगने से वह लहूलुहान हो गया।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी श्याम नारायण सिंह, एएसपी राजकुमार सिंह, एसडीएम जलेसर भावना विमल, सीओ ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह और तहसीलदार नीरज वार्ष्णेय मौके पर पहुंचे। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर बरात को आगे बढ़ाया और शादी की सभी रस्में शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराईं। एसएसपी ने बताया कि घायल सिपाही की हालत स्थिर है और पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
पूर्व नियोजित विवाद के संकेत
मामले में पूर्व नियोजन की बात भी सामने आई है। एक महिला ने पहले ही डीआईजी को प्रार्थनापत्र देकर आशंका जताई थी कि ठाकुर समाज के लोग दलित बरात को रोक सकते हैं। इसके बावजूद विवाद हुआ, जिससे सवाल उठ रहे हैं।
सर्वसमाज ने की थी शादी में मदद
गांव वालों के मुताबिक, युवती के पिता का पहले ही निधन हो चुका है और परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है। शादी में सर्वसमाज के लोगों ने सहयोग किया था, फिर भी हंगामा होने से ग्रामीणों में नाराजगी है।
बसपा का आरोप
रविवार को बसपा का प्रतिनिधिमंडल गांव पहुंचा और दलित समाज के लोगों से मुलाकात की। मंडल प्रभारी राजू रामरतन ने आरोप लगाया कि दूसरे पक्ष ने छतों से पथराव किया, जिससे सिपाही घायल हुआ, लेकिन पुलिस ने दलितों पर ही कार्रवाई की। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने दलितों के घरों में घुसकर लोगों को पीटा और थाने ले गई। बसपा ने थाने में तहरीर दी, जो स्वीकार नहीं की गई।
चंद्रशेखर आजाद का बयान
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने एक्स पर लिखा कि पीड़ित परिवार ने विनती की, लेकिन “जातंकवादियों” ने पथराव किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, बल्कि दलितों के घरों में घुसकर बारातियों और महिलाओं को पीटा।
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