
11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने विशाखापत्तनम में 3 लाख लोगों के साथ योग किया, ‘योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’ थीम पर वैश्विक शांति और एकता का आह्वान किया।

11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून 2025) के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में विशाल योग समारोह का नेतृत्व किया। इस आयोजन में करीब 3 लाख लोगों ने हिस्सा लिया, जो रामकृष्ण बीच से भीमुनिपट्टनम तक 26 किलोमीटर के तटीय क्षेत्र में फैला हुआ था। इस साल की थीम “योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” थी, जो मानव और पर्यावरण के स्वास्थ्य के बीच गहरे संबंध को दर्शाती है। पीएम मोदी ने योग को वैश्विक शांति, एकता, और मानव कल्याण का प्रतीक बताया।
पीएम मोदी के प्रमुख संदेश
- योग: मानवता का पॉज बटन
- “योग वह पॉज बटन है, जो मानवता को सांस लेने, संतुलन बनाने और पूर्ण होने का मौका देता है।”
- “आज दुनिया तनाव, अशांति और अस्थिरता से गुजर रही है। ऐसे में योग हमें शांति की दिशा दिखाता है।”
- वैश्विक एकता का प्रतीक
- “योग ने पूरी दुनिया को जोड़ा है। यह ‘मैं’ से ‘हम’ की यात्रा है।”
- “2014 में भारत ने संयुक्त राष्ट्र में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता देने का प्रस्ताव रखा, जिसे रिकॉर्ड 175 देशों ने समर्थन दिया। यह मानव कल्याण के लिए वैश्विक एकता का प्रतीक है।”
- योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ
- “इस साल की थीम ‘योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’ हमें याद दिलाती है कि मानव का स्वास्थ्य मिट्टी, नदियों, पेड़-पौधों और जानवरों के स्वास्थ्य से जुड़ा है।”
- “योग हमें प्रकृति के साथ एकता का एहसास कराता है और व्यक्तिगत अनुशासन सिखाता है।”
- योग की वैश्विक पहुंच
- “चाहे सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियां हों, माउंट एवरेस्ट की चोटियां हों, या समुद्र का विस्तार, योग हर जगह पहुंच गया है।”
- “दिव्यांग मित्र ब्रेल में योग शास्त्र पढ़ रहे हैं, वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग कर रहे हैं, और युवा गांवों में योग ओलंपियाड में भाग ले रहे हैं। योग सभी का है और सभी के लिए है।”
- विकसित भारत का आधार
- “विशाखापत्तनम प्रकृति और प्रगति का संगम है। योगांध्रा अभियान से 2 करोड़ से अधिक लोग जुड़े, जो विकसित भारत की भावना को दर्शाता है।”
- “योग को रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाएं। यह न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करता है, बल्कि समुदायों में एकता को बढ़ावा देता है।”
- वैश्विक शांति और सहअस्तित्व
- “जब व्यक्ति अपने हित से ऊपर उठकर समाज के लिए सोचता है, तभी मानवता का कल्याण होता है। योग सेवा, समर्पण, और सहअस्तित्व का आधार है।”
- “योग ने दुनियाभर में करोड़ों लोगों की जीवनशैली को बदल दिया है।”
आयोजन की मुख्य विशेषताएं
- विशाल भागीदारी: विशाखापत्तनम में 3.19 लाख लोगों ने एक साथ योग किया, जिसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करने का प्रयास किया गया।
- योगांध्रा अभियान: आंध्र प्रदेश सरकार के महीने भर के अभियान में 2.39 करोड़ लोगों ने पंजीकरण कराया, और 1.05 करोड़ से अधिक लोगों को योग प्रमाणपत्र जारी किए गए।
- आदिवासी बच्चों का योग: 20 जून को 25,000 आदिवासी छात्रों ने आंध्र विश्वविद्यालय में 108 मिनट तक 108 सूर्य नमस्कार कर गिनीज रिकॉर्ड बनाया।
- सुरक्षा और व्यवस्था: 1,200 सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन, और 10,000 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई। 3,000 बसों ने प्रतिभागियों को आयोजन स्थल तक पहुंचाया।
- राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर: देशभर में 10 लाख से अधिक स्थानों पर ‘योग संगम’ पहल के तहत सामूहिक योग सत्र आयोजित किए गए। दिल्ली में 109 स्थानों, जिसमें लाल किला शामिल था, पर योग हुआ।
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