
उत्तराखंड के गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगलचट्टी के पास भारी भूस्खलन के कारण एक दुखद हादसा हुआ। पहाड़ी से अचानक गिरे मलबे की चपेट में आकर पांच यात्री गहरी खाई में गिर गए, जिसमें दो यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

हादसा सुबह करीब 11:20 बजे जंगलचट्टी में पोल नंबर 153 के पास हुआ, जब भारी बारिश के कारण पहाड़ी से मलबा और बोल्डर नीचे गिरे। इसकी चपेट में आए पांच यात्री खाई में जा गिरे। मृतकों की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है, और पुलिस उनकी शिनाख्त में जुटी है। घायलों को तुरंत रेस्क्यू कर गौरीकुंड के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
रेस्क्यू और प्रशासन की कार्रवाई
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन.के. रजवार ने बताया कि भूस्खलन के कारण यह हादसा हुआ। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, और रुद्रप्रयाग पुलिस की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। दो मृतकों के शवों को खाई से निकालकर गौरीकुंड अस्पताल भेजा गया, जबकि तीन घायलों को कंडी (पहाड़ी रास्तों पर सामान ढोने की टोकरी) के जरिए सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। रुद्रप्रयाग पुलिस ने बताया कि यात्रा मार्ग पर आवागमन फिलहाल पुलिस की निगरानी में चल रहा है, और यात्रियों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की गई है।
मौसम और यात्रा पर प्रभाव
उत्तराखंड में प्री-मानसून बारिश के कारण पिछले कुछ दिनों से पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और मलबा गिरने की घटनाएं बढ़ गई हैं। मौसम विभाग ने 19 जून के लिए बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, रुद्रप्रयाग, और देहरादून समेत कई जिलों में भारी बारिश और तेज हवाओं (40-50 किमी/घंटा) के साथ वज्रपात का येलो अलर्ट जारी किया है। यह स्थिति 23 जून तक बनी रहने की संभावना है। भूस्खलन के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग पर आवागमन प्रभावित हुआ है, और प्रशासन ने यात्रियों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
पिछले हादसों का संदर्भ
यह हादसा हाल के दिनों में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर तीसरी बड़ी घटना है। 15 जून को भी जंगलचट्टी के पास भूस्खलन में एक यात्री की मौत और दो अन्य के घायल होने की खबर थी, जिसके बाद यात्रा को कुछ घंटों के लिए सोनप्रयाग से स्थगित कर दिया गया था। इसके अलावा, 15 जून को ही गौरीकुंड के पास एक हेलिकॉप्टर क्रैश में सात लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें एक 23 महीने का बच्चा भी शामिल था। इन घटनाओं ने यात्रा मार्ग की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं।
प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर शोक व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने जिला प्रशासन को रेस्क्यू और राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए। उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) ने हाल के हेलिकॉप्टर हादसों के बाद हेली सेवाओं पर दो दिन की रोक लगाई थी, जो 17 जून से फिर शुरू हो गई। प्रशासन ने यात्रियों से मौसम अलर्ट का पालन करने और अनावश्यक जोखिम न लेने की अपील की है।
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