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संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त 2025 तक, इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

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केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र की तारीखों की घोषणा कर दी है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने 4 जून 2025 को बताया कि यह सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त 2025 तक चलेगा। 23 दिनों तक चलने वाले इस सत्र में बीमा संशोधन विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा होगी। विपक्ष की ओर से ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर विशेष सत्र की मांग के बीच यह घोषणा हुई है।

मानसून सत्र का विवरण:

  • अवधि: 21 जुलाई से 12 अगस्त 2025 तक, कुल 23 दिन।
  • मुख्य एजेंडा: बीमा संशोधन विधेयक, ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम आतंकी हमला, और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा।
  • विपक्ष की मांग: कांग्रेस, टीएमसी, आप, और अन्य विपक्षी दलों ने पहलगाम हमले (22 अप्रैल 2025, 26 मृत) और ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष सत्र की मांग की थी। सरकार ने इसे मानसून सत्र में शामिल करने का फैसला किया है।
  • अन्य संभावित मुद्दे: इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव भी पेश हो सकता है।

बीमा संशोधन विधेयक:

  • प्रमुख प्रावधान: बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की सीमा को मौजूदा 74% से बढ़ाकर 100% करने की योजना।
  • तैयारी: विधेयक का मसौदा तैयार है और जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग इसे संसद में लाएगा।
  • प्रभाव: इससे बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश बढ़ेगा, जिससे उद्योग को पूंजी और तकनीकी लाभ मिल सकता है, लेकिन विपक्ष इसे निजीकरण की दिशा में कदम मानकर विरोध कर सकता है।

ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमला:

  • पृष्ठभूमि: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके बाद पुंछ, राजौरी, उरी, और कुपवाड़ा में गोलाबारी और युद्धविराम उल्लंघन की घटनाएं हुईं।
  • विपक्ष की रणनीति: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, और 12 अन्य विपक्षी दलों (जैसे सपा, टीएमसी, आप, डीएमके) ने विशेष सत्र की मांग की थी। अब वे इस मुद्दे को मानसून सत्र में जोर-शोर से उठाएंगे।
  • सरकार का रुख: रिजिजू ने कहा कि सरकार नियमों के तहत ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर चर्चा के लिए तैयार है।

पिछले सत्रों का प्रदर्शन:

  • बजट सत्र 2025: दो चरणों में आयोजित (31 जनवरी-13 फरवरी और 10 मार्च-4 अप्रैल)।
    • राज्यसभा: 159 घंटे काम, 119% उत्पादकता, 49 निजी विधेयक पेश। सबसे लंबी बैठक 3-4 अप्रैल को 17 घंटे चली।
    • लोकसभा: 26 बैठकें, 118% उत्पादकता, 10 सरकारी विधेयक पेश, 16 विधेयक (वक्फ संशोधन और मुस्लिम वक्फ निरसन सहित) पारित।
  • शीतकालीन सत्र 2024: 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक, वक्फ संशोधन विधेयक सहित 16 विधेयकों पर चर्चा।

सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ:

  • विपक्ष का दबाव: विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर को राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत-पाक तनाव के संदर्भ में उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।
  • वक्फ संशोधन का प्रभाव: हाल ही में पारित वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, जिसका असर मानसून सत्र में विपक्ष की रणनीति पर पड़ सकता है।
  • क्षेत्रीय मुद्दे: उत्तर प्रदेश में बिजली संकट और अपराध की घटनाएं (जैसे बरेली में दुष्कर्म और गोरखपुर में हत्या) भी सत्र में गूंज सकती हैं, क्योंकि विपक्ष इन्हें कानून-व्यवस्था के मुद्दे के रूप में उठा सकता है।

प्रशासनिक तैयारियां:

  • संसद भवन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, खासकर 2001 के संसद हमले की बरसी (13 दिसंबर) को देखते हुए।
  • सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक होगी, जिसमें विपक्ष और सरकार के बीच एजेंडे पर सहमति बनाने की कोशिश होगी।

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