उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग रिकॉर्ड तोड़ रही है और लोगों को बिजली कटौती और कम वोल्टेज की समस्या से जूझना पड़ रहा है, जबकि बिजली की सभी मांगें पूरी करने का सरकारी दावा है।
शुक्रवार रात को अधिकतम बिजली मांग ने मई माह में तीसरी बार पिछला रिकॉर्ड तोड़ते हुए 29727 मेगावाट तक पहुंच गई।
शुक्रवार रात 9.45 बजे दर्ज की गई यह ऐतिहासिक मांग 28 मई को दर्ज 29282 मेगावाट और 24 मई को दर्ज 29147 मेगावाट के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गई। पिछले साल जुलाई में मांग का रिकॉर्ड 28,284 मेगावाट था।
यूपीपीसीएल के चेयरमैन आशीष कुमार गोयल ने बताया, “प्रदेश में चल रही भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग और आपूर्ति में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। शुक्रवार रात को प्रदेश में बिजली की मांग ऐतिहासिक 29,727 मेगावाट तक पहुंच गई, जिसे यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने पूरा कर नया रिकॉर्ड बनाया है।”
उन्होंने कहा, ‘‘इसके साथ ही, राज्य की उत्पादन इकाइयों ने 15,788 मेगावाट बिजली पैदा करके एक नया कीर्तिमान भी स्थापित किया है।’’
गोयल ने शनिवार को अधिकारियों को बढ़ती गर्मी और बिजली की मांग को देखते हुए स्थिरता बनाए रखने और पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा, “सभी कर्मचारियों को पूरी लगन और मेहनत के साथ अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।”
चेयरमैन ने राज्य भार प्रेषण केन्द्रों (एसएलडीसी) के अधिकारियों को भीषण गर्मी व बढ़ते तापमान के इस दौर में विद्युत वितरण प्रणाली में विशेष स्थिरता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए, ताकि सभी क्षेत्रों को निर्धारित समय के अनुसार निर्बाध आपूर्ति मिल सके।
हालांकि आधिकारिक तौर पर मांग-आपूर्ति में कोई अंतर नहीं है, लेकिन जमीनी हकीकत अधिकारियों के दावों से अलग है। राज्य के विभिन्न हिस्सों से बिजली कटौती और कम वोल्टेज की शिकायतें आ रही हैं और यहां तक कि लोग राज्य की राजधानी समेत कई शहरों में स्थानीय सब-स्टेशनों पर विरोध प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
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