लखनऊ | आवाज़ न्यूज़ डेस्क
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ (PMMY) के 10 साल पूरे होने पर सरकार से 10 सीधे और तीखे सवाल पूछे हैं। उनका कहना है कि “जब जनता को जवाब चाहिए, तब सरकार जुमलों की ओट में छिप जाती है।”
अखिलेश यादव ने ‘मुद्रा योजना’ को बताया भ्रमजाल
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा:
“10 वर्षों में 52 करोड़ लोगों को लोन देने का दावा है, तो देश में बेरोज़गारी क्यों है? अगर इतने लोगों को वाकई लोन मिला होता और हर एक ने सिर्फ दो लोगों को भी नौकरी दी होती, तो आज देश में कोई भी बेरोज़गार नहीं होता।”
अखिलेश यादव के 10 सवाल – ‘मुद्रा योजना’ के नाम पर छल या सच?
- क्या सच में 52 करोड़ लोगों को मुद्रा योजना का पैसा मिला?
- यदि ये सत्य है तो क्या इन लाभार्थियों ने 2 लोगों को भी रोज़गार दिया? बेरोज़गारी दर फिर इतनी ऊँची क्यों है?
- जब दोनों आंकड़े सरकारी हैं तो किसे सही माना जाए – मुद्रा योजना या बेरोज़गारी के आंकड़े?
- मुद्रा योजना के तहत बंटा 33 लाख करोड़ रुपया किन-किन खातों में गया?
- क्या इन खातों का कभी लेखापरीक्षण या ऑडिट हुआ?
- क्या इन ऋणों से शुरू किए गए व्यवसायों ने लाभ कमाया और उसका कोई रिकॉर्ड है?
- क्या सरकार को इनसे इनकम टैक्स प्राप्त हुआ और यदि हुआ तो कितना?
- इनमें से कितनों ने जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाया?
- इनसे कुल कितना जीएसटी सरकार को मिला?
- बैंकों को हुए खर्च और प्राप्त ब्याज में लाभ कितना हुआ? या यह योजना केवल अपने लोगों को फायदा पहुँचाने का ज़रिया बनी रही?
“अब जुमलों से नहीं चलेगा देश”
अखिलेश यादव ने कहा कि “देश को अब जुमलों से नहीं, जवाबों से चलाना होगा। जनता को हक है जानने का कि उनके नाम पर लाई गई योजनाओं का असली फायदा किसे मिला। ‘मुद्रा योजना’ के आँकड़े अगर सच्चे हैं तो देश की हालत क्यों बदतर है?”
भाजपा की चुप्पी पर सवाल
समाजवादी पार्टी ने मांग की है कि केंद्र सरकार इन सवालों के जवाब देश के सामने रखे। “बैंकों के पैसे से लोगों को लोन देने की स्कीम अगर पारदर्शी होती, तो उसका फायदा ज़मीनी स्तर पर दिखाई देता,” अखिलेश ने कहा।