जौनपुर
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर मनीष कुमार वर्मा जिलाधिकारी जौनपुर हाजिर हुए। हलफनामा दाखिल कर कहा आदेश का पालन कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि जौनपुर से उनका तबादला गौतमबुद्धनगर कर दी दिया गया है। कोर्ट ने अगली तिथि पर भी हाजिर रहने का निर्देश देते हुए जौनपुर के नए जिलाधिकारी को पक्षकार बनाते हुए हलफनामा मांगा है। याचिका की सुनवाई 20 अप्रैल को होगी।
कोर्ट ने जिलाधिकारी वर्मा से पूछा था कि उन्होंने अपने खिलाफ कितनी अवमानना नोटिस प्राप्त की है और उनका परिणाम क्या हुआ। उनके द्वारा संतोषजनक सफाई न देने के कारण कितने अवमानना केस अभी भी लंबित है। क्यों न इसे कदाचार माना जाए और सेवा पुस्तिका में प्रविष्टि की जाए। कोर्ट ने यह भी पूछा था कि क्यों न उनसे इस केस के हर्जाने की वसूली की जाए। जिसका जवाब नहीं दिया गया। यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने बिशुन चंद उर्फ किशुन चंद की अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
शाहगंज तहसील के भिवरहा कला गांव में प्लॉट संख्या 366 याची की खेती की भूमिधरी जमीन है। बगल में प्लाॅट संख्या 292 फतेहगढ़ गांव का है। गांव वालों के दबाव में उसी पर सड़क बनाई जा रही है, परंतु सड़क बनाने में याची के प्लाॅट का अतिक्रमण किया गया। पैमाइश व सीमांकन की मांग की अनसुनी करने पर कोर्ट ने जिलाधिकारी को तहसीलदार की रिपोर्ट पर सीमांकन कर विवाद छह हफ्ते में तय करने का निर्देश दिया।
आदेश की प्रति जिलाधिकारी को दी गई किंतु, आदेश का पालन नहीं किया गया। जिसपर अवमानना याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने जिलाधिकारी को मौके पर जाकर पैमाइश करने व रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। याची के अधिवक्ता ने जिलाधिकारी के हलफनामे पर आपत्ति की, कहाकि वास्तविक कार्य नहीं किया गया, केवल पेपर वर्क किया गया है।

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