सुना है सत्ताधारी अब विपक्षियों के फ़ोन की जासूसी करवा रहे हैं। विपक्ष की बात सुनने से ज़्यादा अच्छा तो ये है कि सत्ताधारी ‘जनता की आवाज़’ सुन लें तो कम-से-कम उन्हें सुधार का कुछ मौका मिल जाए और फिर महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी, ध्वस्त क़ानून व स्वास्थ्य व्यवस्था, महिला अपराध, युवाओं के रोष; ग़रीबों, दलितों, वंचितों, किसानों, मजदूरों के शोषण; जातीय जनगणना व सामाजिक न्याय जैसे ज्वलंत मुद्दों पर कुछ सकारात्मक काम हो सके।

पता नहीं क्यों, पर सुना ये भी है कि उनके अपने दलवाले इस जासूसी से ज़्यादा डरे हैं।

सत्ताधारी काम करें, कान न लगाएं!

Previous articleमुकेश अंबानी को 4 दिन में मिली तीसरी बार जान से मारने की धमकी, इस बार मांगे इतने करोड़
Next articleJaunpur News : धनंजय सिंह और समर्थकों पर मुकदमा दर्ज

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here